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ग्वालियर से इंदौर के लिए डेटॉल बीएसआई वीमेन मोटरसाइकिल रैली का फ्लैग ऑफ

ग्वालियर : बच्चों में पोषण की कमी की समस्या को दूर करने की दिशा में डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया (बीएसआई) ने अपनी रीच ईच चाइल्ड (हर बच्चे तक पहुंच) पहल के तहत लव फॉर किड्स वीमेन मोटरसाइकिल रैली लॉन्च की है। लव फॉर किड्स महिलाओं की मोटरसाइकिल रैली’ को जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ. संगीता शुक्ला ने फ्लैग ऑफ किया। पिछले दो साल में 16,000 से ज्यादा बच्चों के जीवन को बचाने की कामयाबी के उत्सव के रूप में उत्साह से भरी सात महिलाओं का ग्रुप लगभग 345 किमी का सफर तय करते हुए गुरुग्राम से ग्वालियर पहुंचा। यह महिला मोटरसाइकल ग्वालियर से इंदौर तक का लगभग 9 घंटे 30 मिनट के अनुमानित समय में 510 कि.मी. का सफर तय करते हुए ग्वालियर से इंदौर का रूख करेंगी।

महिलाओं की मोटरसाइकिल रैली का उद्देश्य महाराष्ट्र में अमरावती और नंदुरबार जिलों की महिलाओं के प्यार को देखते हुए, उनकी साहसी भावना को सलाम करते हुए उनका सशक्तिकरण करना है। ये महिलाएं कुपोषण को हराने के लिए आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक चुनौतियों के खिलाफ लगातार लड़ रही हैं और खुशहाल और स्वस्थ बच्चों की परवरिश कर रही हैं। रीज ईच चाइल्ड इनिश्येटिव को प्लान इंटरनेशनल (इंडिया चैप्टर) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। इसके अलावा, बनेगा स्वस्थ इंडिया ने प्लान इंडिया के साथ बनेगा अमरावती और नंदुरबार, महाराष्ट्र के जिलों में कोविड-19 के उग्र-प्रसार के बीच फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और चिकित्सकों को अपना समर्थन दिया है।

इस मौके पर रेकिट बेंकाइजर (आरबी) हेल्थ साउथ एशिया के एसवीपी श्री गौरव जैन ने कहा, ‘बच्चे हमारा भविष्य हैं और कुपोषण एक ऐसा अनचाहा जानलेवा वायरस है जो उनके विकास को बाधित करता है। रीच ईच चाइल्ड पहल के तहत हमारा लक्ष्य बच्चों की हिफाजत करना और उन्हें बेहतर पोषण प्रदान करना है। यह पहल हमारे दिल के बहुत करीब है और बच्चों में पोषण की स्थिति को बेहतर करने की दिशा में जागरूरकता फैलाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। यह रैली नंदरबार एवं अमरावती जिले की महिलाओं के जुझारूपन को सम्मान देने का तरीका है, जो अपने बच्चों के लिए लगातार लड़ रही है। लोगों के बीच खुशी और जागरूकता फैलाने की इस पहल में हमारे साथ जुड़ने के लिए हम महिला बाइकर्स का धन्यवाद करते हैं। मुझे भरोसा है कि इस रैली से माताओं में जागरूकता बढ़ेगी और शहरी एवं ग्रामीण का भेद कम होगा।

रेकिट बेंकाइजर के सहयोग के लिए आभार प्रकट करते हुए प्लान इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर मोहम्मद आसिफ ने कहा, ‘रीच ईच चाइल्ड प्रोग्राम ने ग्रामीण समुदायों के बीच कुपोषण की चुनौती से सफलतापूर्वक निपटने की दिशा में सरकार, कॉरपोरेट और सिविल सोसायटी के संयुक्त प्रयास के महत्व को रेखांकित किया है। इस कार्यक्रम से मिली सीख को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच प्रसारित किया जाना चाहिए, ताकि इस दिशा में प्रयासरत अन्य लोग भी इसका अनुसरण कर सकें। हम इस साझेदारी के लिए और हाशिए पर जी रहे समुदाय के बीच पोषण एवं जनस्वास्थ्य जैसी व्यवस्थाओं को मजबूत करने की दिशा में समयबद्ध प्रयास के लिए आरबी के आभारी हैं।’

डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया के तहत रीच ईच चाइल्ड (आरईसी) पहल के अंतर्गत बच्चे के जन्म के शुरुआती 1000 दिनों में जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। महाराष्ट्र के नंदरबार और अमरावती जिलों में इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिला है। इसकी शुरुआत 2018 में हुई थी और इसका लक्ष्य पांच साल से कम उम्र के बच्चों पोषण की स्थिति सुधारना और उम्र के हिसाब से बच्चों का विकास नहीं हो पाने की समस्या (स्टंटिंग) को 40 प्रतिशत तक कम करना है। इसकी अनूठी वाउचर स्कीम के तहत गंभीर रूप से कुपोषित एवं हाई रिस्क प्रेग्नेंट वुमेन के इलाज एवं अन्य संबंधित खर्च उठाए जाते हैं। पिछले दो साल में अपनी इस पहल के दम पर आरईसी ने 16,000 से ज्यादा बच्चों का जीवन बचाया है। अगले पांच साल में आरईसी का लक्ष्य नौ राज्यों में कुपोषित बच्चों की 20 लाख माताओं तक पहुंचने का है।

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