जयपुर के कोटखावदा में किसान महापंचायत में पायलट का बड़ा शक्ति प्रदर्शन, गहलोत-डोटासरा को भी न्योता, लेकिन वह नहीं आएंगे

सचिन पायलट आज जयपुर जिले के कोटखावदा में किसान महापंचायत के जरिए शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। पायलट की सभा का मंच तैयार हो चुका है। इसमें कुर्सी की बजाए मुड्डे रखे गए हैं। दोपहर में होने वाली महापंचायत में पायलट समर्थक नेता बड़ी भीड़ जुटने का दावा कर रहे हैं। महापंचायत में पायलट समर्थक दर्जन भर विधायक भी पहुंच रहे हैं। महापंचायत से पहले राजेश पायलट की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम भी रखा गया है। महापंचायत में सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित गहलोत खेमे के कई नेताओं को भी निमंत्रण दिया गया है। लेकिन वे नहीं आएंगे क्योंकि 12 बजे से मुख्यमंत्री का कार्यक्रम है।
अपडेट्स…
- पायलट की महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए गांवों से कार्यकर्ता और किसानों का रवाना होना शुरू हो गया है। टोंक, जयुपर और दौसा इलाके के दूर-दराज के गांवों से पायलट समर्थक महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए रवाना हो रहे हैं। इस महापंचायत के लिए गांव-गांव जनसंपर्क चल रहा था।
- सभास्थल पर पायलट के बड़े-बड़े कटआउट लगे हैं। मंच पर भी जो पोस्टर लगा है उसमें कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं की तस्वीर है। हालांकि, राहुल गांधी और पायलट की फोटो बड़ी है। जबकि गहलोत और डोटासरा की फोटो बीच में लगाई गई है।
पायलट के अपमान का मुद्दा उठने के बाद पहली रैली
राहुल गांधी के दौरे में रूपनगढ की ट्रैक्टर रैली में पायलट के अपमान का मुद्दा उठने के बाद से पायलट समर्थक लामबंद हैं। इसका असर इस महापंचायत पर दिखना तय माना जा रहा है। पायलट समर्थक चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी के क्षेत्र कोटखावदा में यह किसान महापंचायत रखी गई है। इसका घोषित मकसद केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध है। लेकिन अघोषित मकसद शक्ति प्रदर्शन बताया जा रहा है। हाल के दिनों में पायलट की यह तीसरी किसान महापंचायत है।
पायलट की मैसेज देने की कवायद
पायलट समर्थकों ने किसान महापंचायत में बड़ी भीड़ जुटाने को प्रतिष्ठा का सवाल बना रखा है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक जबसे कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल के दौरे में पायलट के अपमान का मुद्दा उठाया है तब से पायलट समर्थक विधायक फिर से लामबंद हो रहे हैं। राहुल के दौरे के बाद पायलट का यह पहला सार्वजनिक कार्यक्रम है। इससे पहले दौसा और बयाना में कृषि कानूनों के खिलाफ पायलट किसान महापंचायत कर चुके हैं। बयाना की महापंचायत में बड़ी संख्या में भीड़ जुटी थी।
महापंचायतों के जरिए पायलट की ‘पॉवर रिगेन’ की तैयारी
पायलट अपने समर्थक विधायकों के इलाकों में केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान महापंचायत कर रहे हैं। बताया जाता है कि बगावत और फिर सुलह के बाद पायलट अब जनता के बीच निकलकर पावर रिगेन का प्रयास कर रहे हैं। एक बड़े वर्ग में पायलट अपने प्रति सहानुभूति पैदा कर उसे राजनीतिक फायदे में बदलने का भी प्रयास कर रहे हैं। जिस तरह प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में दौरे कर रही हैं उसी पैटर्न को पायलट ने अपनाया है। किसान आंदोलन से कांग्रेस के नेता उतने सक्रिय रूप से नहीं जुड़े हैं। पायलट इसी का फायदा उठाकर लगातार महापंचायत करके किसान आंदोलन में अपना स्पेस बनाने की रणनीति पर चल रहे हैं। सचिन पायलट आगे भी किसान महापंचायतें जारी रखने वाले हैं।