स्पिनर्स के मुकाबले 239 विकेट ज्यादा लिए, 667 मेडन ओवर फेंककर रन भी कम खर्च किए
इंडिया और इंग्लैंड टीम पहली बार आपस में डे-नाइट टेस्ट खेलेंगी। यह मैच 24 फरवरी को अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेला जाएगा। मैच में दोनों टीम के बल्लेबाज और तेज गेंदबाजों के बीच रोमांच देखने को मिलेगा। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि अब तक हुए 15 पिंक बॉल टेस्ट में स्पिनर्स के मुकाबले तेज गेंदबाजों ने 239 ज्यादा विकेट लिए हैं।
इतिहास का पहला डे-नाइट टेस्ट नवंबर 2015 को खेला गया था। इसमें ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 3 विकेट से शिकस्त दी थी। तब से अब तक 15 टेस्ट में 71 तेज गेंदबाजों ने सबसे ज्यादा 354 विकेट लिए हैं। 74 स्पिनर्स ने मिलकर कुल 115 विकेट लिए हैं। स्पिनर्स के मुकाबले पेसर्स ने 207% ज्यादा विकेट लिए हैं।
फास्ट बॉलर्स का इकोनॉमी रेट भी कम
डे-नाइट टेस्ट में कम रन खर्च करने के मामले में भी तेज गेंदबाज काफी आगे हैं। उन्होंने अब तक 667 मेडन ओवर किए हैं। इकोनॉमी रेट 2.94 का रहा। वहीं, स्पिनर्स ने 179 मेडन ओवर किए हैं। इकोनॉमी रेट 3.25 का रहा।
टीम इंडिया का घर में दूसरा डे-नाइट टेस्ट
इंग्लैंड के खिलाफ भारत का ओवरऑल तीसरा डे-नाइट टेस्ट होगा। टीम इंडिया ने अब तक 2 में से एक मैच जीता और एक हारा है। अपने घर में भारत ने एक पिंक बॉल टेस्ट खेला है, जिसमें बांग्लादेश को पारी और 46 रन से हराया था। दूसरा टेस्ट एडिलेड में खेला था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया 8 विकेट से जीती थी। भारतीय स्पिनर्स को घर में अब तक विकेट नहीं मिल सका है। बांग्लादेश के खिलाफ सभी 19 विकेट तेज गेंदबाजों ने लिए थे।
वहीं, इंग्लैंड का ओवरऑल चौथा पिंक बॉल टेस्ट है। उसने एक मैच घर में खेला, जिसमें जीत मिली थी। इंग्लिश टीम ने 2 डे-नाइट टेस्ट विदेशी जमीन पर खेले और सभी में हार मिली।
सबसे ज्यादा बैट्समैन ही प्लेयर ऑफ द मैच रहे
अब तक खेले गए 15 पिंक बॉल टेस्ट में सबसे ज्यादा 9 बार बैट्समैन ही प्लेयर ऑफ द मैच रहे। उसके बाद तेज गेंदबाजों का नंबर है, जो 5 बार यह खिताब जीत चुके हैं। एक बार ऑलराउंडर जेसन होल्डर को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। स्पिनर अब तक यह सम्मान नहीं पा सके। अब तक कोई क्रिकेटर एक से ज्यादा बार प्लेयर ऑफ द मैच नहीं रहा।
देश की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया के सबसे ज्यादा 7 क्रिकेटर (3 पेसर, 4 बैट्समैन) प्लेयर ऑफ द मैच खिताब जीत सके। दूसरे नंबर पर पाकिस्तान के 2 बल्लेबाज यह खिताब जीत चुके। इनके अलावा किसी भी देश का एक से ज्यादा क्रिकेटर यह सम्मान हासिल नहीं कर सका।