YIF ने नए दशक के पहले बैच के लिए आवेदन आमंत्रित किया
आगरा: अशोका यूनिवर्सिटी के प्रमुख प्रोग्राम यंग इंडिया फेलोशिप (YIF) के ग्यारहवें बैच के लिए दूसरे और अंतिम दौर के आवेदन की अंतिम तिथि 12 अप्रैल 2021 है। अशोका यूनिवर्सिटी ने आज इस बात की जानकारी दी। 2011 में शुरू हुआ यंग इंडिया फैलोशिप (YIF) सामाजिक रूप से जागरूक लीडर्स और बदलाव की पहल करने वालों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करता है। पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा इन लिबरल स्टडीज नामक यह पाठ्यक्रम पूरी तरह से आवासीय एक वर्षीय बहु-विषयक पोस्ट-ग्रेजुएट प्रोग्राम है। यह प्रोग्राम छात्रों के लिए एक वर्ष के भीतर अनेक शैक्षणिक और व्यावसायिक अवसरों के द्वार खोलता है।
प्रोग्राम में प्रवेश के इच्छुक व्यक्तियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑनलाइन लिखित परीक्षा और एक व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए आवेदनों का समग्र रूप से मूल्यांकन किया जाता है। शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को वित्तीय मदद पहुंचाने के लिए भी आवेदन करने का अवसर मिलता है। आवेदन करते के समय दस्तावेजों को जमा करने के प्रवाधानों में छूट दी गई है। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर में सामाजिक दूरी और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
पाठ्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए, द यंग इंडिया फैलोशिप की डीन, अनीहा बरार ने कहा, “एक दशक पहले अभूतपूर्व पाठ्यक्रम के रूप में YIF उच्च शिक्षा के परिदृश्य में सामने आया। यह प्रोग्राम असाधारण छात्रों, बेहतरीन फैकल्टी, लेखन पर जोर, क्रिटिकल थिंकिंग और रियल लाइफ प्रोजेक्ट्स के ईर्द-गिर्द बुना गया था। YIF की ताकत सिर्फ अपनी विरासत पर गर्व करने में नहीं बल्कि अशोका विश्वविद्यालय में हमेशा एक उत्कृष्ट प्रोग्राम के तौर पर बने रहने के लिए खुद को नए अंदाज में तैयार करने में है।”
YIF ’14, के निदेशक, आउटरीच और एडमिशन्स, संस्थापक अध्यक्ष, अशोका एलुमनाई एसोसिएशन, करन भोला के मुताबिक पूरी तरह से ऑनलाइन और समग्र प्रवेश प्रक्रिया, आवेदकों को उनके खुद के सफर को प्रतिबिंबित करने और विभिन्न चरणों के दौरान खुद को बेहतरीन तरीके से व्यक्त करने का अवसर देता है। हम एक विविध और उत्कृष्ट 11वें बैच के गठन के लिए तैयार हैं। यह प्रोग्राम अंतःविषय दृष्टिकोण वाले दक्ष स्नातकों को तैयार करता है। और ये गुण कोरोना महामारी के बाद उद्योग, शिक्षा, उद्यमिता या कहीं भी सार्थक करियर के लिए अहम साबित होंगे। खुद एक फेलो होने की वजह से, मैं पूरी तरह से इससे अवगत हूं कि युवाओं के लिए YIF कितना परिवर्तनकारी हो सकता है।
वे सभी उम्मीदवार जिनके पास किसी भी विषय में मान्यता प्राप्त स्नातक की डिग्री है (आवेदन के समय अंतिम वर्ष के छात्र भी हो सकते हैं), और 1 अगस्त 2021 को जिनकी आयु 28 वर्ष या उससे कम है, आवेदन करने के लिए पात्र हैं। उम्मीदवारों के पास काम का अनुभव और/या स्नातकोत्तर डिग्री होनी चाहिए। किसी भी शैक्षणिक या व्यावसायिक पृष्ठभूमि के युवा आवेदन कर सकते हैं।
अशोका विश्वविद्यालय चयनित उम्मीदवारों के लिए जरूरत-आधारित वित्तीय सहायता कार्यक्रम भी चलाता है। इसका उद्देश्य कोर्स की लागत और भुगतान करने की क्षमता के बीच की खाई को पाटने के लिए आवेदकों को आवश्यक वित्तीय मदद देना है। जरूरत-आधारित वित्तीय मदद, शुल्क में छूट के रूप में की जाएगी, जिसमें 25% ट्यूशन फीस से छूट से लेकर आवास और भोजन की पूरी फीस में 100% छूट शामिल है।
पिछले एक दशक से अशोका विश्वविद्यालय में यंग इंडिया फेलोशिप छात्रों को लिबरल आर्ट्स एंड साइंसेज के अध्ययन में प्रशिक्षित कर रहा है, जिसमें उन्हें समस्या के समाधान और सोच के नए तरीकों से परिचित कराया जा रहा है, जिससे वे प्रभावी करियर के लिए तैयार हो सकें। हार्वर्ड, येल, आईएसबी, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक यहाँ छात्रों को प्रशिक्षण देते हैं। फैलोशिप इस साल अपने यहां 200 छात्रों का दाखिला लेगा।
तेजी से बढ़ती जटिल समस्याओं को हल करने की बढ़ती आवश्यकता के साथ, 20 के दशक की उम्र के बहुत से युवा अब महज एक डिग्री से आगे कुछ करना चाह रहे हैं। यहीं पर लिबरल आर्ट्स एंड साइंसेज की पढ़ाई अहम हो जाती है। छात्रों और युवा पेशेवरों को एक व्यापक शिक्षा देने की सोच के साथ, लिबरल आर्ट्स की डिग्री उन्हें सार्वजनिक नीति, इतिहास, नेतृत्व, रणनीति, ललित कला, मीडिया, संचार और ऐसे ही कई और क्षेत्रों के से संबंधित गूढ़ जानकारी मुहैया कराती है। लिबरल आर्ट्स एक तरफ जहां कॉरपोरेट रणनीति तैयार करने की आवश्यकता को प्रोत्साहित करता है, वहीं भारत के जटिल सामाजिक ढांचे की जमीनी समझ प्रदान करता है। आज के युवाओं के पास लिबरल आर्ट्स में एक डिग्री होनी ही चाहिए जो उनको आज के दौर में सफल होने की विशेषज्ञता सीखाता है।