वित्त वर्ष 2021-22 में ऑटो सेक्टर में 10% से ज्यादा वृद्धि होगी, कमर्शियल वाहनों में 36% की ग्रोथ हो सकती है
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि दो साल की सुस्ती के बाद, भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर अगले वित्त वर्ष में दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज करने के लिए तैयार है। एजेंसी के अनुसार, आर्थिक स्थिति और व्यक्तिगत आय में सुधार करके विकास को समर्थन दिया जाएगा।
यह अनुमान लगाया गया है कि अगले वित्त वर्ष में पैसेंजर वाहनों में 23-25%, टूव्हीलर में 18-20% और कमर्शियल वाहनों में 34-36% की वृद्धि देखने की उम्मीद है।
800 लिस्टेड कंपनियों पर किया गया एनालिसिस
क्रिसिल रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर, पुशन शर्मा ने कहा, हमारे 800 लिस्टेड कंपनियों पर किए गए एनालिसिस से पता चलता है कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में की गई वेतन में कटौती को बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर द्वारा बहाल किया गया है, जबकि आईटी क्षेत्र में वृद्धि जारी है। नतीजतन, शहरी उपभोक्ताओं में खुद का वाहन खरीदने की भावना में सुधार हुआ है, जो 65% पीवी सेल्स और 40% टूव्हीलर सेल्स के लिए जिम्मेदार है।
पर्सनल वाहन और टूव्हीलर्स की मांग बढ़ेगी
- इसके अलावा, पीवी और टूव्हीलर को खरीदने की लागत में वृद्धि (जिसमें इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन, डाउन-पेमेंट और एक्स-शोरूम कीमत शामिल हैं) में भी कमी आएगी। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-21 की कुल 8-11% वृद्धि की तुलना में यह अगले वित्त वर्ष 3-4% के बीच रहेगी।
- क्रिसिल ने कहा कि नए मॉडल लॉन्च होने के साथ-साथ सुरक्षित पर्सनल ट्रांसपोर्ट ऑप्शन की तलाश पीवी और टूव्हीलर्स की मांग बढ़ाएगी। इसके अलावा, कमर्शियल वाहनों की मांग अगले वित्त वर्ष में मजबूत होने की उम्मीद है। स्कूलों और ऑफिसों के धीरे-धीरे खुलने और रिटेल सेक्टर में तेजी से क्रमशः बसों और हल्के कमर्शियल वाहनों की मांग बढ़ेगी।