FIAF अवॉर्ड पाने वाले पहले भारतीय बने अमिताभ बच्चन, बोले-बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं; क्रिस्टोफर नोलन ने बिग बी को बताया ‘लिविंग लीजेंड’
अमिताभ बच्चन को शुक्रवार को इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव (FIAF) का अवॉर्ड दिया गया था। यह अवॉर्ड उन्हें फिल्म संरक्षण के काम को बढ़ावा देने के लिए मिला है। अब अमिताभ ने खुद सोशल मीडिया पर अवॉर्ड सेरेमनी से अपनी कुछ फोटोज फैंस के साथ शेयर की है। इन फोटोज में अमिताभ अवॉर्ड लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। साथ ही उन्होंने इस सम्मान के लिए FIAF, अमेरिकन फिल्म प्रोड्यूसर डायरेक्टर मार्टिन स्कॉर्सेसी और फिल्म लेखक क्रिस्टोफर नोलन को धन्यवाद भी किया है।
मार्टिन स्कॉर्सेसी और क्रिस्टोफर नोलन का शुक्रिया
फोटो शेयर कर अमिताभ ने लिखा, “FIAF अवॉर्ड 2021 पाने पर मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। आज समारोह में मुझे पुरस्कार देने के लिए मैं FIAF, मार्टिन स्कॉर्सेसी और क्रिस्टोफर नोलन का शुक्रिया अदा करता हूं। भारत की फिल्म विरासत को बचाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटल है। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन हमारी फिल्मों को बचाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनाने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा।”
क्रिस्टोफर नोलन ने बिग बी को बताया ‘लिविंग लीजेंड’
‘टेनेट’ जैसी फिल्मों के डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन ने अमिताभ के साथ हुई अपनी एक मुलाकात को याद करते हुए कहा, “कुछ साल पहले फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में मुझे भारतीय सिनेमा के लिविंग लीजेंड से मिलने का मौका मिला था। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के एम्बेसडर के रूप में अमिताभ बच्चन ने फिल्मों के संरक्षण में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। यही वजह है कि FIAF की कार्यकारी समिति ने सर्वसम्मति से अमिताभ बच्चन को इस साल का अवॉर्ड देने के लिए वोट किया था।”
फिल्म विरासत को संरक्षित करने में अमिताभ ने असाधारण काम किया
अवॉर्ड सेरेमनी में मार्टिन स्कॉर्सेसी ने अमिताभ की तारीफ करते हुए कहा, “पांच दशक के लंबे करियर में अमिताभ बच्चनन ने फिल्म विरासत को संरक्षित करने में असाधारण काम किया है। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के बाद से मैं भारत में फिल्मों के संरक्षित किए जाने पर नजर रख रहा हूं। मैं बहुत अच्छे तरीके से जानता हूं कि अमिताभ बच्चन इस ओर किस कदर काम कर रहे हैं।”
भारतीय फिल्मों के संरक्षण के लिए एक म्यूजियम बना रहे हैं अमिताभ
मार्टिन स्कॉर्सेसी और क्रिस्टोफर नोलन भी प्रोग्राम में मौजूद थे। अमिताभ का नाम इस अवॉर्ड के लिए फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन द्वारा नामांकित किया गया था। फिल्म हेरिटेज एक गैर सरकारी संस्था है, जो फिल्मों के रजिस्ट्रेशन और फिल्म विरासत के अध्ययन पर काम करती है। दरअसल, अमिताभ भारतीय फिल्मों के संरक्षण के लिए एक म्यूजियम बना रहे हैं। अमिताभ बच्चन पहले भारतीय हैं, जिन्हें यह अवॉर्ड दिया गया है। 19 मार्च को एक वर्चुअल सेरेमनी में अमिताभ को यह अवॉर्ड दिया गया था। इस दौरान अमिताभ ने कहा था कि जया बच्चन की सलाह पर वे 2015 में पुरानी फिल्मों के संरक्षण में जुट गए थे। उन्होंने लगभग 60 पुरानी फिल्में रीस्टोर कर रखी हैं। वे पुरानी फिल्मों के रीस्टोरेशन के लिए अक्सर अपील भी करते रहते हैं।
फिल्में हमारा मूविंग हेरिटेज- अमिताभ
सेरेमनी में अमिताभ से जब ये पूछा गया था कि पुरानी फिल्मों का संरक्षण क्यों होना चाहिए, तो उन्होंने कहा था- जब कोई ऐतिहासिक इमारत, चित्र या किसी कलाकृति के संरक्षण की बात होती है तो ऐसा सवाल किसी के मन में नहीं आता, तो फिर फिल्मों के बारे में भी ये नहीं होना चाहिए। आखिर फिल्में भी एक मूविंग हेरिटेज हैं। जो कुछ भी हमने रचा है, उसे संभालना भी हमारी जिम्मेदारी है। अमिताभ ने यह भी कहा था कि एक एम्बेसडर के तौर पर वे फिल्मों के संरक्षण को बढ़ावा देते रहेंगे। वे भारत में फिल्मों का पहला राष्ट्रीय म्यूजियम बनाना चाहते हैं, जिसमें सारी फिल्में और उससे जुड़ी चीजें संग्रहीत और संरक्षित रखी जाएं।
अमिताभ ने बताई संरक्षण की वजह
लगभग दो साल पहले कोलकाता में हुए इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अमिताभ बच्चन ने कहा था कि हमारी पीढ़ी भारतीय सिनेमा के दिग्गजों को पहचानती तो है, लेकिन उनकी ज्यादातर फिल्में या तो आग की भेंट चढ़ गई हैं या कूड़े के ढेर में छोड़ दी गई हैं। फिल्म विरासत को संभालने में बहुत सारी कमियां हैं, अगर हमने इस बारे में जल्द नहीं सोचा तो यह विरासत नष्ट हो जाएगी। अमिताभ का कहना है कि कम से कम आने वाली पीढ़ियों को पता होना चाहिए कि 100 साल के सिनेमा में किन लोगों ने क्या योगदान दिया है।
अमिताभ से पहले ये हो चुके सम्मानित
इस अवॉर्ड को पाने वाले अमिताभ बच्चन पहले भारतीय फिल्म कलाकार हैं। इससे पहले यह अवॉर्ड विश्व सिनेमा के जिन दिग्गजों को मिला है, उनमें मार्टिन स्कॉर्सेस (2001), मनोएल डी ओलिवेरा (2002), इंगमार बर्गमैन (2003), गेराल्डिन चैपलिन (2004), माइक लेह (2005), हौसियो -सिएन (2006), पीटर बोगडानोविच 2007), जीन-पियरे और ल्यूक डार्डेन (2016), क्रिस्टोफर नोलन (2017), एपिचातपोंग वीरसेथाकुल (2018), जीन-ल्यूक गोडार्ड (2019), और वाल्टर सेलेस (2020) शामिल हैं।
FIAF अवॉर्ड को 20 साल हुए पूरे
FIAF सम्मान की शुरुआत वर्ष 2001 में की गई थी। इसके प्रेजीडेंट फ्रेडेरिक मायरे का कहना है कि सालाना पुरस्कार की 20वीं एनिवर्सरी पर अमिताभ बच्चन को सम्मानित करने से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता था। FIAF भारत और एशिया में फिल्म संरक्षण के काम को लेकर बहुत सक्रिय रहा है।