Thu. Nov 21st, 2024

पश्चिम बंगाल में इन 9 मुस्लिम उम्मीदवारों के जरिए ‘सबका साथ’ का संदेश दे रही बीजेपी

नई दिल्ली | पश्चिम बंगाल में जय श्रीराम के नारे और मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोपों के बीच भाजपा ने चुनावी संग्राम में कुल 9 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारकर एक बड़ा रणनीतिक फैसला लिया है। ममता बनर्जी की टीएमसी से मुकाबला करने के लिए भाजपा ने नौ मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव खेला है। इन नौ उम्मीदवारों में से पांच को मुर्शिदाबाद की अलग-अलग विधानसभाओं से उतारा गया है, जहां मुसलमान आबादी लगभग दो-तिहाई है। इसके अलावा 2 उम्मीदवार मालदा से उतारे गए हैं, जहां मुसलमानों की आधी आबादी है। बाकी दो को  उत्तर दिनाजपुर से मैदान में उतारा गया है जहां मुस्लिम आबादी आधी से थोड़ी कम है।

मफूजा खातून

मुर्शिदाबाद के सागरदिघी से भाजपा उम्मीदवार मफूजा खातून तीन दशक से राजनीति में हैं। 50 वर्षीय मफूजा ने 1987 में पहली बार राजनीति में कदम रखा, जब वह 10 वीं कक्षा में थीं। पश्चिम बंगाल के बिगड़े दक्षिण दिनाजपुर जिले के गंगारामपुर की निवासी, खातुन ने स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया, कम्युनिस्ट की युवा शाखा के साथ काम करना शुरू किया। उस समय भारत-मार्क्सवादी पार्टी सत्ता में थी। मई 2017 में वे तब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुईं जब उनके अधिकांश वामपंथी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में जा रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं टीएमसी के बारे में कभी नहीं सोच सकती, इसकी कोई विचारधारा नहीं है। मैं एक विचारधारा से प्रेरित पार्टी से दूसरी पार्टी में चली गयी। और, मैं पीएम नरेंद्र मोदी के नारे, सबका साथ, सबका विकास से आकर्षित थी। उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा की एकमात्र मुस्लिम महिला उम्मीदवार के रूप में लड़ा, लेकिन हार गईं। आज, खातून पश्चिम बंगाल चुनावों के लिए भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए नौ मुस्लिम उम्मीदवारों  में सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं। बता दें कि खातुन के अलावा, 9 में कोई भी उम्मीदवार पहले चुनाव नहीं जीता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में मिले वोटों के मुताबिक जहां भाजपा की बढ़त थी वहां इनमें से कोई उम्मीदवार नहीं था।

गुलाम सरवर

पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट उत्तर दिनाजपुर की  गोलपोखर से बीजेपी उम्मीदवार गुलाम सरवर अपने ही भाई और टीएमसी नेता गुलाम रब्बानी के खिलाफ मैदान में हैं। गुलाम सरवार का कहना है कि भाजपा ने नौ मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारकर अपनी धर्मनिरपेक्षता को साबित किया है। वह मानते हैं कि  2018 पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में उनके भाई के चलते उन्हें जेल होने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखने का फैसला किया।

रूबिया खातून

भाजपा ने मुर्शिदाबाद की डोमकल विधानसभा सीट पर 38 वर्षीय रूबिया खातून को मैदान में उतरा है। रूबिया का असली नाम बियम्मा है उन्होंने साल 2013 में भाजपा का दामन थामा था। एमबीए की डिग्री हासिल करने वाली रूबिया स्टुडेंट पॉलिटिक्स से होते हुए वो भाजपा में पहुंची हैं। इस सीट पर लगातार छह बार से भाकपा उम्मीदवार अनीसुर रहमान विजयी रहे हैं।

महबूब आलम 

मुर्शिदाबाद की भागबंगोला सीट से बीजेपी के लिए खड़े महबूब आलम 1998 में एक काम के लिए जामनगर गए तो भाजपा के सदस्य बन गए। अब मुर्शिदाबाद में घर वापस आ गए हैं, उनका कहना है कि वे नौकरियों और आर्थिक समृद्धि के लिए तरसते हैं जो उन्होंने गुजरात में देखी। आलम का कहना है कि हर कोई कहता है कि बीजेपी बीफ पर प्रतिबंध लगाएगी। लेकिन क्या गोवा में गोमांस पर प्रतिबंध लगाया गया ? वे कहते हैं, बीजेपी हमें बांग्लादेश भेजेगी, लेकिन हम अवैध नहीं हैं तो हमें डरने की कोई जरूरत नहीं है। ”

इसके अलावा मुर्शिदाबाद की रानीनगर से मसुहारा खातुन, मालदा के चांचल से मोहम्मद मतीउर रहमान, उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा से महोम्मद शाहीन अक्तर, सुजारपुर से एडवोकेट एस के जियाउद्दीन पर बीजेपी ने भरोसा जताया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इन नौ उम्मीदवारों की जीत की उम्मीद बेहद कम है।

27 मार्च को पहले चरण की वोटिंग

पश्चिम बंगाल में कुल आठ चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण में 30 सीटों पर 27 मार्च को वोटिंग होगी। वहीं, दूसरे चरण में 30 सीटों पर एक अप्रैल को, तीसरे चरण में 31 सीटों पर 6 अप्रैल को, चौथे चरण में 44 सीटों पर 10 अप्रैल को, पांचवें चरण में 45 सीटों पर 17 अप्रैल को, छठे चरण में 43 सीटों पर 22 अप्रैल को, सातवें चरण में 36 सीटों पर 26 अप्रैल को और आठवें और अंतिम चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। वहीं, पांच राज्यों में एक साथ 2 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *