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बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने गंगा गोदावरी कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम के लिए इंडियन कैंसर सोसाइटी के साथ समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किया

वाराणसीः बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) और इंडियन कैंसर सोसाइटी (आईसीएस) ने कैंसर जांच कार्यक्रम चलाने के लिए आज एक समझौता-पत्र पर हस्ताक्षर किया। एस्ट्राकजेनेका इंडिया के गंगा गोदावरी कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम पहल का उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता पैदा करना और विशेषीकृत कैंसर जांच शिविरों में महिलाओं में आरंभिक चरणों में ओरल, ब्रेस्ट एवं सर्वाइकल कैंसर की जांच की सुविधा उपलब्ध कराना है। ’डॉर्क्ट्स फॉर यू’ वाराणसी में इस प्रोग्राम का क्रियान्वयन सहयोगी है।

आज से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम को वर्तमान चरण में एनएचएम और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ आम सहमति से वाराणसी उत्तर प्रदेश में शुरू किया जाएगा। चिकित्सा विज्ञान संस्थान में सामुदायिक चिकित्सा विभाग, बीएचयू इस कार्यक्रम के नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। प्रसूति और स्त्री रोग विभाग, जनरल सर्जरी और दंत चिकित्सा विभाग टीकरी में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में स्क्रीनिंग सेवाओं के प्रावधान के लिए मेडिकल प्रोफेशनल्स की एक विशेषज्ञ टीम रहेगी। आईसीएस निष्पादन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा और जमीनी स्तर पर इस कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करेगा।

एस्ट्राजेनेका इंडिया के प्रबंध निदेशक, श्री गगनदीप सिंह ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हम उन समुदायों की आवश्यकताओं के अनुरूप जीवन-बदलते स्वास्थ्य कार्यक्रमों को डिजाइन और वितरित करके हमारे विज्ञान को सुलभ बना रहे हैं, जिनकी हम सेवा करते हैं। गंगा गोदावरी कार्यक्रम के जरिए पहले ही 4,200 से अधिक लोगों के जीवन में सकारात्मक हस्तेक्षेप हो चुका है और इसके परिणामस्वरूप 150 रोगियों की प्रारंभिक पहचान की गई है जिन्हें आगे के प्रबंधन के लिए तृतीयक देखभाल अस्पतालों में भेजा गया था। ”

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, सामुदायिक चिकित्सा विभाग, आईएमएस की डॉ. संगीता कंसल ने कहा, “हमें उत्तर प्रदेश में वंचित परिवारों की महिलाओं के लिए विशेष कैंसर-स्क्रीनिंग का समर्थन करने के लिए पारिवारिक स्वास्थ्य कल्यांण मंत्रालय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और भारतीय कैंसर सोसायटी के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। इससे जनजागरूकता पैदा करने और परिभाषित क्षेत्र में रोगियों की शीघ्र पहचान में मदद मिलेगी।

कर्नल खादर, डीडीजी, इंडियन कैंसर सोसाइटी ने कहा, “कैंसर भारत में वयस्कों में मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है। गंगा गोदावरी जैसे कार्यक्रम, जो देश भर में संचालित हैं, भारत के कैंसर से लड़ने में सहायता करने महत्वंपूर्ण भूमिका निभायेंगे। ”
इस कार्यक्रम का पहला चरण महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में लागू किया गया था, अब तक 76 से अधिक शिविर गंगा गोदावरी कार्यक्रम के तहत आयोजित किए जा चुके हैं और लगभग 4,000 से अधिक लाभार्थियों को पंजीकृत किया गया है। सभी पॉजिटिव मामलों को आगे के इलाज के लिए पार्टनर टर्शियरी केयर अस्पतालों में भेजा गया है।

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