आज खरीदी का महामुहूर्त, बुध पुष्य नक्षत्र के साथ रवि योग
इंदौर/उज्जैन। रंगभरी एकादशी पर बुधवार को पुष्य नक्षत्र के साथ रवि योग की साक्षी में खरीदी का महामुहूर्त रहेगा। इस योग में हर प्रकार की खरीदी शुभ मानी गई है। इस मुहूर्त में स्थायी समृद्धि के लिए सोना खरीदने का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार भारतीय ज्योतिष शास्त्र व नक्षत्र मेखला की गणना से बुधवार के दिन नक्षत्रों का राजा पुष्य विद्यमान रहेगा। इस दिन पुष्य नक्षत्र होने से यह बुध पुष्य कहलाएगा। रात्रि 11.20 तक पुष्य नक्षत्र रहेगा, इस दृष्टि से संपूर्ण दिवस काल नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। विशेष यह है कि पुष्य नक्षत्र के साथ रवि योग की साक्षी भी रहेगी। रवि योग में सोना खरीदने का विशेष महत्व है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार बुधवार को दिन भूमि, भवन, वाहन, सोना, चांदी, रत्न, वस्त्र आदि की खरीदी स्थाई समृद्धि प्रदान करने वाली मानी गई है।
इस दिन नवीन प्रतिष्ठान का शुभारंभ, गृह आरंभ आदि शुभ व मांगलिक कार्य भी किए जा सकते हैं। धर्मशास्त्री मान्यता में दशमी तिथि को पूर्ण तिथि माना गया है। बुधवार को सुबह उदयकाल में दशमी तिथि रहेगी। ऐसे में तिथि विशेष पर पुष्य नक्षत्र व रवि योग की साक्षी में सभी प्रकार की खरीदी के साथ साधना, उपासना तथा सुरक्षित भविष्य के लिए निवेश अनुकूल बताए गए हैं।
होलाष्टक मान्य नहीं, कर सकते हैं शुभ कार्य : धर्मशास्त्र व मुहूर्त ग्रंथों में होलाष्टक को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुसार मध्य प्रदेश में होलाष्टक मान्य नहीं है। स्थानीय लोग इस अवधि में भी शुभ मांगलिक कार्य कर सकते हैं। ज्योतिर्विद पं.व्यास के अनुसार होली से आठ दिन पहले होलाष्टक की मान्यता है। इस दौरान शुभ, मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। लेकिन होलाष्टक देश के किन हिस्सों में मान्य है, इसका धर्मशास्त्र व मुहूर्त ग्रंथों में स्पष्ट उल्लेख है।
शास्त्रों के अनुसार विपाश, इरावती, पंजाब की व्यास, रवी तथा सतलज नदियों के किनारें के नगरों में तथा त्रिपुष्कर देशों में होली से आठ दिन पहले विवाह आदि शुभ मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं। संपूर्ण भारत के लिए यह दोष मान्य नहीं है। इसके अनुसार मध्य प्रदेश में इस दौरान शुभ मांगलिक कार्य होते आए हैं। इसलिए लोगों को शास्त्रीय मत का पालन करते हुए हर मुहूर्त अनुसार शुभ मांगलिक कार्य करना चाहिए।