बंगाल चुनाव 2021: मुर्शिदाबाद में कांग्रेस उम्मीदवार रेजाउल हक की कोरोना से मौत
पश्चिम बंगाल में विधानसभा क्षेत्र चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के नेता रेजाउल हक का कोरोना से निधन हो गया है. कांग्रेस नेता मुर्शीदाबाद में शमशेरजंग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में खड़े थे. वे कुछ दिन पहले कोरोना से पीड़ित हुए थे. हाल ही में शमशेरजंग विधानसभा क्षेत्र को लेकर लेफ्ट फ्रंट और कांग्रेस में विवाद हो गया था. लेफ्ट फ्रंट ने पहले ही मोदस्सर होसैन को इस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था जबकि कांग्रेस ने रेजाउल हक को अपना उम्मीदवार बनाया. हालांकि दोनों साथ में चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन इस सीट को लेकर दोनों पार्टियों में सहमति नहीं बन पाई थी.
पांचवें चरण का चुनाव प्रचार थमा
पश्चिम बंगाल में आठ चरण में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पांचवें चरण का चुनाव 17 अप्रैल को होने वाला है. इस चरण में 45 सीटों पर चुनाव होने वाला है. इसके लिए चुनाव प्रचार थम गया है. हालांकि चुनाव आयोग ने साइलेंस पीरियड को 48 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे कर दिया. चौथे चरण के चुनाव के दौरा कुच बिहार में हुई हिंसा को देखते हुए चुनाव आयोग ने यह कदम उठाया है. इस चरण में 1.13 करोड़ पश्चिम बंगाल के मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.
इस चरण में 342 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा. इस चरण के प्रमुख उम्मीदवारों में सिलीगुड़ी के मेयर और लेफ्ट फ्रंट के लीडर अशोक भट्टाचार्य, राज्य के मंत्री व्रत बासु, बीजेपी नेता समिक भट्टाचार्य शामिल हैं. 24 नोर्थ परगना जिले में इस चरण के लिए 15,789 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होगा. शाम 6.30 बजे तक लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.
वर्चुअल चुनाव प्रचार पर 16 को बैठक
इस बीच कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य में वर्चुअल चुनाव प्रचार की बात तेज हो गई है. चुनाव आयोग ने इसके लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है. यह बैठक 16 अप्रैल को बुलाई गई है. पश्चिम बंगाल में अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी संजय बसु ने बुधवार को बताया कि राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच चुनाव प्रचार को लेकर यह बैठक बुलाई है. इस बैठक में इस विषय पर चर्चा किया जाएगा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रचार कैसे किया जा सकता है और संक्रमण से कैसे बचा जाए। हो सकता है कि इस बैठक में वर्चुअल चुना प्रचार पर भी चर्चा हो. हालांकि चुनाव आयोग से इस संबंध में अभी तक ऐसा कोई दिशा-निर्देश सामने नहीं आया है.