ग्वालियर। कोरोना के कारण जिला कलेक्टर ने मैरिज गार्डन बंद करने का आदेश जारी कर दिया था। इसके चलते गुस्र्वार को विवाह संघर्ष समिति ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को ज्ञापन सौंपा।
समिति के पदाधिकारियों ने कलेक्टर से कहा कि कोरोना के कारण वर्तमान हालातों में 50 प्रतिशत शादियों की बुकिंग रद हो चुकी हैं। इस कारण मैरिज गार्डन संचालक, केटर्स, टेंट हाउस, क्रॉकरी, साउंड, ईवेंट, फ्लोवर, बैंड एवं लाइट से जुड़े व्यापारी एवं मजदूरों की स्थिति और दयनीय हो चुकी है। कलेक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया है कि कर्फ्यू के दौरान विवाह समारोह में 50 व्यक्ति शामिल होंगे, जबकि 22 अप्रैल के बाद 200 लोगों की अनुमति देने पर विचार किया जाएगा। ज्ञापन सौंपने वालों में संजय गोस्वामी, कुशल राठौर, सोनू आसीजा, कैलाश अग्रवाल, विवेक विरमानी, राजू केटर्स, आशीष सोनी, प्रदीप जैन आदि शामिल थे।
लॉकडाउन अवधि में न किया जाए निगम की दुकानों का किराया वसूलः मध्यप्रदेश चैंबर आफ कामर्स ने गुरुवार को नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर लॉकडाउन अवधि में दुकानों का किराया न वसूल करने की मांग की है। चैंबर ने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर जिला प्रशासन द्वारा ग्वालियर में आमजन की सुरक्षा हेतु कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है। शहर के व्यवसाई अपना कारोबार बंद रखकर आदेश का पालन कर रहे हैं। इसलिए लॉकडाउन की विषम परिस्थिति में नगर निगम का यह कर्तव्य बनता है कि वह निगम की सभी मार्केट में जीतनी भी दुकानें हैं, उनके लॉकडाउन अवधि का किराया माफ किया जाए। जिससे व्यापारियों को कुछ आर्थिक राहत मिल सकेगी।
कर्फ्यू में 25 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुलेंगे कार्यालयः कोरोना कर्फ्यू के दौरान अत्यावश्यक सेवाओ में आने वाली शासकीय संस्थाओं को छोड़कर जिले की समस्त शासकीय व अर्द्धशासकीय संस्थाओं में कर्मचारियों की 25 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कार्यालय खोलने के आदेश दिए गए हैं। बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र के आधार पर इस आशय का आदेश जारी किया है।