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स्टडी में हुआ खुलासा:अच्छी सेहत के लिए नींद जरूरी, 50 की उम्र तक 6 घंटे या कम सोने पर बुढ़ापे में भूलने की बीमारी का खतरा

अच्छी सेहत के लिए अच्छी नींद भी जरूरी है। एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि मध्य आयु (50 साल की उम्र) तक 6 घंटे या उससे कम सोने पर डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) का खतरा बढ़ जाता है। जनरल नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उनमें 70 साल की उम्र आने तक याददाश्त कमजोर होने की आशंका बढ़ जाती है।

ब्रिटेन में 1985 से 2016 के बीच की गई स्टडी में 8000 लोगों को शामिल किया गया। इसमें 50 साल के ऊपर के लोगों की नींद को हर पैमाने पर जांचा गया। जिन लोगों ने 6 घंटे या उससे कम नींद ली, उनमें तीन दशक बाद डिमेंशिया के लक्षण ज्यादा दिखे। जिन लोगों ने 7 घंटे या उससे अधिक समय तक पर्याप्त नींद ली, वे 70 साल की उम्र में भी मानसिक रूप से स्वस्थ्य दिखाई दिए।

सैन फ्रांसिस्को में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के न्यूरोलॉजी और मनोचिकित्सा विभाग की प्रोफेसर डॉ. क्रिस्टिन याफ ने कहा कि वास्तव में 30 साल तक चली इस स्टडी ने हमें इस बात का ठोस सबूत दे दिया है कि कम नींद सही मायनों में याददाश्त में कमी की स्थिति पैदा करती है। कम नींद सचमुच में जोखिम पैदा करने वाला कारक है।

इस स्टडी पर वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एरिक कहते हैं कि प्री -डिमेंशिया मस्तिष्क में अल्जाइमर से जुड़े प्रोटीनों के संचय की तरह परिवर्तित होता है, जो लोगों को याददाश्त कमजोर होने के लक्षण बताता है। 1985 में ब्रिटिश स्वयंसेवकों द्वारा व्हाइट हाॅल-2 नाम से शुरू किए गए इस अध्ययन में 7,959 प्रतिभागियों की नींद को कई अलग-अलग पैमानों पर परखा गया था।

ये प्रतिभागी जब 70 की उम्र को पार कर गए तब इनमें से कम नींद वाले 521 लोगों को पूरी तरह भूलने की बीमारी ने घेर लिया। इन लोगों ने सुबह उठकर थकान महसूस की जबकि पर्याप्त नींद लेने वालों ने खुद को तरोताजा महसूस किया।

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