हरिद्वार में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की कवायद में जुटी सरकार, पर्यटकों को मिलेगी सुविधा
सरकार की कोशिशें रंग लाईं तो निकट भविष्य में हरिद्वार अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से जुड़ जाएगा। इस कड़ी में हरिद्वार के अलावा उससे लगे देहरादून और पौड़ी जिलों के जिलाधिकारियों को भूमि की तलाश के निर्देश दिए गए हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को सुविधा मुहैया कराने के मकसद से अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की कवायद की जा रही है। इस बारे में उनकी केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी से बातचीत भी चुकी है। उन्होंने कहा कि यह एयरपोर्ट भविष्य में ऋषिकेश-कर्णप्रयागरेल प्रोजेक्ट के आकार लेने पर चारधाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी मुफीद साबित होगा।
हरिद्वार में विभिन्न पर्वों पर स्नान के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। हर 12 साल में होने वाले कुंभ में भी देश-विदेश से लोग जुटते हैं। इसी प्रकार चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के अलावा हेमकुंड साहिब की यात्रा के अलावा पर्यटक स्थलों की सैर को बड़ी तादाद में तीर्थयात्री और पर्यटक पहुंचते हैं। चारधाम यात्रा तो ऋषिकेश से ही शुरू होती है। तीर्थाटन व पर्यटन के क्षेत्र में राज्य नई ऊंचाईयां छुए, इसे देखते हुए हरिद्वार को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट स्थापित करने को कसरत चल रही है। हालांकि, नजदीकी हवाई अड्डा जौलीग्रांट (देहरादून) में है, मगर इसके विस्तार की गुंजाइश बहुत अधिक नहीं है। इसीलिए अंतरराष्ट्रीय मानकों का नया एयरपोर्ट बनाने का निश्चय किया गया है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात के दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का प्रस्ताव रखा था। इस पर केंद्रीय मंत्री ने भी सहमति जताई। कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि एयरपोर्ट के लिए भूमि तलाशने के निर्देश हरिद्वार, देहरादून व पौड़ी के डीएम को दिए गए हैं। जमीन फाइनल होने के बाद विस्तृत प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार या इसके नजदीक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने पर उत्तराखंड देश-दुनिया से कनेक्ट हो जाएगा। इससे विदेशों से देवभूमि आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को सहूलियत मिलेगी। साथ ही उत्तराखंड के उत्पाद भी दुनियाभर में पहुंच सकेंगे। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके आकार लेने पर चारधाम की यात्रा और सुगम हो जाएगी। इससे विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी सुविधा मिलेगी।