SBI ने फिर घटाया होम लोन पर ब्याज:6.70% पर मिलता रहेगा होम लोन, लेकिन 30 लाख के ऊपर के लोन पर 6.95% लगेगा ब्याज
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने होम लोन पर ब्याज की दरें फिर घटा दी हैं। 30 लाख रुपए तक का होम लोन अब 6.70% ब्याज की दर से मिलेगा। अगर होम लोन 30 लाख से ज्यादा है को फिर आपको 6.95% की दर से ब्याज चुकाना होगा।
30 लाख तक का लोन 6.70 पर
बैंक ने शनिवार को यह जानकारी दी। बैंक ने कहा कि 6.95% की दर 30 लाख से लेकर 75 लाख रुपए तक के होम लोन पर लागू रहेगी। अगर लोन 75 लाख से ज्यादा है तो फिर ब्याज दर बढ़ कर 7.05% हो जाएगी। अगर आप इसके बैंकिंग ऐप योनो से लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो आपको 5 बीपीएस की छूट और मिलेगी।
होम फाइनेंस में लीडर है एसबीआई
एसबीआई के रिटेल और डिजिटल बैंकिंग के प्रबंध निदेशक (एमडी) सी.एस. शेट्टी ने कहा कि होम फाइनेंस में एसबीआई एक मार्केट लीडर है और होम लोन मार्केट में ग्राहकों के सेंटीमेंट को देखते हुए ब्याज दरों को कम रखा जाता है। हमें विश्वास है कि यह नया फैसला होम लोन लेने वालों और रियल इस्टेट इंडस्ट्री दोनों के लिए अच्छा होगा। ग्राहक योनो के जरिए होम लोन के लिए अप्लाई कर 5 बीपीएस की और छूट पा सकते हैं।
मार्च तक ब्याज दरें 6.70% पर थीं
बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में बैंक ने अपनी होम लोन की ब्याज दरें घटाकर 6.70% कर दी थी। यह 31 मार्च तक के लिए थी और अप्रैल में बैंक ने फिर से इसे बढ़ाकर 6.95% पर कर दिया था। पर कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए और बैंकिंग इंडस्ट्री में पहले से ही कुछ कम दरों के चलते बैंक ने फिर से इसे पुरानी दर पर ला दिया है।
अभी भी 7% से कम पर हैं ज्यादातर ब्याज दरें
अभी भी बैंकिंग इंडस्ट्री में काफी कम ब्याज पर लोन मिल रहा है। अधिकतर बैंकों की ब्याज दरें 6.70 से लेकर 6.90% तक हैं। एचडीएफसी लिमिटेड अभी भी 6.70% पर होम लोन दे रहा है। कोटक महिंद्रा सबसे कम 6.65% पर होम लोन दे रहा है। एलआईसी हाउसिंग और यूनियन बैंक जैसे संस्थान भी 6.80 से 6.95% तक के बीच होम लोन दे रहे हैं।
डेढ़ साल से कम हैं ब्याज दरें
पिछले करीबन डेढ़ साल से देश में होम लोन की दरें अब तक के अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। कुछ साल पहले तक होम लोन की ब्याज दरें 8% से ऊपर हुआ करती थीं। बैंकिंग इंडस्ट्री का मानना है कि अभी भी इस साल के अंत तक होम लोन की ब्याज दरें 7% से नीचे ही रह सकती हैं। 31 मार्च से पहले जब ब्याज दरें और कम हो गई थीं, स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन में कुछ राज्यों ने आधा छूट दे रखी और लोगों को घर से काम करने के लिए घर की जरूरत पड़ी तो जमकर घरों की बिक्री हुई। मुंबई जैसे शहरों में तो घरों की बिक्री कई सालों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी।