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लंदन पहुंचे आदर पूनावाला को साधने के लिए हो रही कूटनीतिक कवायदें भी

नई दिल्ली: भीषण कोरोना संकट के बीच देश के सबसे बड़े कोविड19 वैक्सीन उत्पादक आदर पूनावाला के बयानों से सत्ता के गलियारों में हड़कंप भी है और आशंकाएं भी. ऐसे में पूनावाला को साधने और समझाने के लिए बातचीत को आला कूटनीतिक टीम लगाई गई है.

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक लंदन गए विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और उनके साथ मौजूद कुछ वरिष्ठ राजनयिक लंदन में पूनावाला से भी मुलाकात करेंगे. संकेत है कि इस बातचीत के सहारे पूनावाला की नाराज़गी व आशंकाएं कम करने की कोशिश होगी. साथ ही उनका मन टटोलने का भी प्रयास होगा. जयशंकर जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक में शरीक होने के लिए 6 मई तक लंदन में हैं.

महत्वपूर्ण है कि भारत से यूके पहुंचे आदर पूनावाला की तरफ से बीते दिनों आए मीडिया बयानों में रसूखदार नेताओं की तरफ से धमकियां मिलने की बात कही गई थी. साथ ही आदर ने गत दिनों ब्रिटेन में नया वैक्सीन उत्पादन संयंत्र लगाने की बात कही है. सीरम इंस्टूट्यूट पिछले कुछ दिनों से वैक्सीन उत्पादन में दिक्कतों का भी हवाला देता रहा है. हालांकि सरकार की तरफ से आदर पूनावाला को वाय श्रेणी सुरक्षा कवर मुहैया कराने से लेकर वैक्सीन उत्पादक कंपनी की आपूर्ति जरूरतों का मामला अमेरिका के साथ उठाने जैसे कई कदम उठाए गए हैं.

इस बीच जानकार सूत्र इस आशंका से इनकार नहीं करते कि अगर मामले को समय सहते संभाला न गया तो वैक्सीन उत्पादन से जुड़ा यह मसला सरकार के लिए फजीहत का सबब भी बन सकता है. ऐसे में कोशिशें चल रही हैं कि भारत के लिए सबसे ज्यादा वैक्सीन बना रहे सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख आदर पूनावाला के साथ संवाद-समझाइश के रास्ते खुले रहें. हालांकि पूनावाला यह कह चुके हैं कि वो जल्द ही भारत लौटेंगे. लेकिन उनके ताजा बयानों को लेकर आशंकाओं के सवाल बरकरार हैं.

ध्यान रहे कि सीरम इंस्टीट्यूट जिस कोविशील्ड टीके को बना रहा है, उसके लिए शोध ब्रिटेन सरकार की मदद से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने किया था. वहीं जर्मन एस्ट्राजेनेका कंपनी ने उसका व्यावसायीकरण किया, जिसके बाद भारत की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट को उसके व्यापक उत्पादन में साझेदार बनाया गया.

महत्वपूर्ण है कि भारत में जारी व्यापक टीकाकरण के बीच कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद वैक्सीन की मांग बढ़ी है. वहीं सरकार ने 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लिए भी टीकाकरण खोल दिया है. लेकिन उस अनुपात में टीकों की आपूर्ति को लेकर समस्याएं आ रही हैं. केंद्र सरकार ने मई से जुलाई के लिए 11 करोड़ टीकों के डोज के लिए सीरम इंस्टीट्यूट को करीब 1700 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया है. वहीं 10 करोड़ टीकों के पिछले ऑर्डर के मुकाबले सीरम इंस्टीट्यूट ने 3 मई 2021 तक 8.74 करोड़ टीकों की ही आपूर्ति की है.

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