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DM साहब थोड़ी और सख्ती दिखाइए , सड़को में घूमते लोग , खुली दुकानें आपके आदेशो को मुंह चिढ़ा रहे हैं , सख्ती जरूरी है साहब तभी बचेगी जान

कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए प्रदेश सरकार के अभी तक के प्रयास असरदार नजर नहीं आ रहे हैं। कोविड महामारी की चेन तोड़ने के लिए सरकार ने संक्रमण प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगाया है, लेकिन जिस तरह से कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, उससे कर्फ्यू का कवच अभेद साबित नहीं हो पा रहा है।यही चिंता है कि सरकार के कुछ मंत्री भी अब प्रदेश में पूर्ण लॉकडाउन की हिमायत कर रहे हैं।  हालांकि सरकार कोरोना कर्फ्यू को सख्त करने की बात तो कर रही है लेकिन वह होता दिखाई दे नहीं रहा है देहरादून जहां सबसे ज्यादा करोना  के मरीज रोज निकल रहे हैं वहां कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाली जनता गली-गली घूमती नजर आ रही है वही कई जगह हालात तो ऐसे हैं कि आज परचून की दुकान बंद किए जाने के निर्देश जारी हुए हैं और यह दुकान है केवल गुरुवार वार शनिवार को ही खोलनी है लेकिन आज शुक्रवार को गली गली में दुकानें खुली हैं कहीं आधे शटर तो कहीं पूरी दुकान खोल कर सामान बेचा जा रहा है वहीं सड़कों के किनारे भी सिम बेचने वाले टेंपर ग्लास लगाने वाले फेरी पटरी वाले सभी सामान बेचते दिख रहे हैं ऐसे में कोरोना कर्फ्यू का क्या मतलब है या तो जिला प्रशासन खुद समझ नहीं पा रहा है या फिर जनता को नहीं समझा पा रहा है   हालांकि सरकार लॉकडाउन से हिचक रही है पर कोरोना के आंकड़े बढ़ाते जा रहे है।प्रदेश में बृहस्पतिवार को कोरोना संक्रमितों के सर्वाधिक 8517 मामले सामने आए। ये मामले तब हैं जब सरकार ने पिछली 26 अप्रैल से प्रदेश के कोरोना से ज्यादा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगा रखा है। पिछले 24 घंटों में 150 से अधिक लोगों की मौत का आंकड़ा भी चिंता में डालने वाला है। राजधानी देहरादून में ही रिकार्ड 3123 कोरोना संक्रमित मिले हैं, जबकि सौ से अधिक की मृत्यु हुई है।कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या से अस्पतालों पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। ऑक्सीजन की डिमांड में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जानकारों का मानना है कि इस संकट से बचने के लिए जागरूक होना बेहद जरूरी है। अब जरूरी है कि लोग खुद भी अपनी चिंता करें और घर पर रहने की पूरी कोशिश करें।

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