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कहा- पता नहीं टोक्यो गेम्स होंगे या नहीं, लेकिन ओलिंपिक में खेलना या नहीं, यह फैसला एथलीट्स खुद कर सकते हैं

स्विटजरलैंड के टेनिस स्टार रोजर फेडरर ने कोरोना महामारी के बीच टोक्यो ओलिंपिक के होने या नहीं होने पर बयान दिया। 20 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता फेडरर ने कहा कि कोरोना के बीच टोक्यो गेम्स होंगे या नहीं, यह तो अभीकोई नहीं बता सकता। हालांकि, ओलिंपिक में शामिल होना है या नहीं यह फैसला एथलीट्स खुद कर सकते हैं।

फेडरर खुद ओलिंपिक में खेलेंगे या नहीं, यह भी उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है। उनका मानना है कि उस समय के हालात देखने के बाद ही वे कुछ फैसला करेंगे। फेडरर ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में डबल्स में गोल्ड जीता था। 2012 के लंदन ओलिंपिक में उन्होंने सिंगल्स में सिल्वर मेडल जीता था।

जापान की जनता ओलिंपिक के खिलाफ
दरअसल, टोक्यो ओलिंपिक इसी साल 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच होने हैं। फिलहाल टोक्यो में 31 मई तक कोरोना इमरजेंसी लगी हुई है। जापान में कई सर्वे भी किए गए, जिसमें 60 से 80% लोगों का मानना है कि ओलिंपिक को रद्द कर दिया या टाल दिया जाना चाहिए। ओलिंपिक रद्द करने को लेकर एक याचिका भी दायर की गई है, जिसके सपोर्ट में करीब 3.50 लाख से ज्यादा लोगों ने साइन भी किए हैं।

देश के लिए ओलिंपिक में मेडल जीतना बड़ा गौरव: फेडरर
फेडरर ने स्विस चैनल से कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मुझे भी नहीं पता कि क्या होने वाला है। ओलिंपिक होंगे या नहीं, इन दोनों बातों के बीच ही मैं भी फंसा हूं। मैं भी स्विटजरलैंड के लिए ओलिंपिक में मेडल जीतना चाहता हूं। यही मेरा सबसे बड़ा गौरव और सम्मान भी है। यदि मौजूदा हालात के चलते यह गेम्स नहीं होते हैं, तो मैं सबसे पहले स्थिति को समझूंगा और स्वीकर करूंगा।

यदि एथलीट्स नहीं खेलना चाहते, तो यह उनका फैसला है
एथलीट्स के लिए भी कोई जरूरी नहीं है कि वह ओलिंपिक में शामिल हो या नहीं। फेडरर ने कहा कि मेरा मानना है कि एथलीट्स को अपनी प्राथमिकता को समझना चाहिए। उन्हें टोक्यो ओलिंपिक में शामिल होना है या नहीं, यह फैसला उनको ही करना है। हम सभी जानते हैं कि यह स्थिति बिल्कुल तरल है। बतौर एथलीट आपको अपना फैसला लेना है। यदि आपको लगता है कि स्थिति ठीक नहीं है, तो आप न जाएं। मैं अपने बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता।

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