मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून में इन स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर ये दिए निर्देश
देहरादून-: सीमांत/पेरीअरबन व ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधाओं को कोविड उपचार के अनुकूल बनाने के क्रम में देहरादून जनपद के कोविड उपचार व्यवस्थाओं के प्रभारी मंत्री तथा सैनिक कल्याण, औद्योगिक विकास, एम0एस0एम0ई0 तथा खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी द्वारा राजपुर एवं भगवंतपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचकर वहां मौजूद व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
राजपुर धर्मशाला प्रांगण में संचालित हो रहे राजकीय एैलोपेथिक चिकित्सालय में विद्युत संयोजन पुनः स्थापित करने हेतु विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। अस्पताल की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा0 आशीष को उन्होंने तत्काल विद्युत संयोजन हेतु ऑनलाईन आवेदन करने हेतु निर्देशित किया ताकि विद्युत विभाग अस्पताल को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करवा सके।भगवंतपुर पहुंचे काबीना मंत्री को अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा0 आशाराम नौटियाल ने अवगत करवाया कि अस्पताल में नियुक्त आयुर्वेदिक चिकित्सक डा0 जगमोहन द्वारा आयुष पद्वति से भी उपचार दिया जाता है। वर्तमान में इस अस्पताल में 45 वर्ष से ऊपर की आयु वालों हेतु वेक्सिनेशन सेंटर भी संचालित किया जा रहा है तथा ओ0पी0डी0 सुविधा भी सुचारू रूप से संचालित हो रही है। काबीना मंत्री द्वारा सुझाव दिया गया कि चूंकि अस्पताल परिसर में समस्त प्रारम्भिक सुविधाएं उपलब्ध हैं तथा ओ0पी0डी0 भी संचालित हो रही है। इसलिए किसी अन्य अनुकूल स्थान पर 05 ऑक्सीजन बेड युक्त कोविड उपचार (प्राथमिक) केन्द्र बना कर स्थानीय निवासियों को लोकल में ही कोविड उपचार उपलब्ध करवाया जा सकता है। इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार करते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुण्डीर तथा मनोनीत पार्षद सुन्दर कोठाल ने काबीना मंत्री को आगामी 04 दिनों में कोविड उपचार केन्द्र संचालित किए जाने हेतु उपयुक्त स्थान चिन्हित कर लेने की बात कही।
जिपं उपाध्यक्ष दीपक पुण्डीर द्वारा काबीना मंत्री के समक्ष क्षेत्र के रिखोली, भितरली, गंगोल पंडितवाडी तथा भगवंतपुर इत्यादि क्षेत्रों में कोविड जांच शिविर आयोजिन करने की मांग की। मंत्री ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को जांच शिविर लगाने हेतु व्यवस्था बनाने को कहा।
काबीना मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा निर्देशित किया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण रोकने तथा उपचार हेतु तत्काल प्रयास किए जाएं। इसी क्रम में हम अपने नगरों के सीमांत क्षेत्रों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी, जांच तथा उपचार सुविधाएं विकसित करने के काम में लगे हैं।