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जॉब मार्केट का हाल बेहाल

मार्च में 7,16,223 लोग फॉर्मल वर्कफोर्स का हिस्सा बने, फरवरी में 8,07,482 लोगों को रोजगार मिला था
रोजगार पाने वालों में 18-25 साल की उम्र के लोगों की संख्या मासिक आधार पर 37% से ज्यादा घटी

इस साल मार्च में संगठित क्षेत्र में रोजगार पाने वाले नए वर्कर्स की संख्या चार महीने में सबसे कम रही है। यह जानकारी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के प्रोविजनल पेरोल डेटा से मिली है। EPFO के आंकड़े बताते हैं कि जब कोविड की दूसरी लहर आई थी, तब जॉब मार्केट पर कितना ज्यादा दबाव था।

फरवरी में 8,07,482 लोगों को संगठित क्षेत्र में रोजगार मिला था

EPFO के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में कुल 7,16,223 लोग फॉर्मल वर्कफोर्स का हिस्सा बने थे जबकि फरवरी में 8,07,482 लोगों को रोजगार मिला था। आंकड़े यह भी बताते हैं कि मार्च में संगठित क्षेत्र का हिस्सा बनने वालों की संख्या में मासिक आधार पर 91,000 की कमी आई थी।

जॉब पाने वालों में 18 से 25 साल के लोगों की संख्या 37% घटी

EPFO का पेरोल डेटा बताता है कि मार्च में जॉब पाने वालों में 18 से 25 साल की उम्र के लोगों की संख्या मासिक आधार पर 37% से ज्यादा घटी है। इस आयु वर्ग के लोग आमतौर पर फॉर्मल वर्कफोर्स में पहली बार शामिल हो रहे होते हैं।

पहली बार नौकरी करने वालों की संख्या घटकर 3,98,516 पर आ गई

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में 18-25 साल की आयु वर्ग के 4,32,660 लोग फॉर्मल वर्कफोर्स में शामिल हुए थे। नौकरी में पहली बार आए ऐसे लोगों की संख्या मार्च में लगभग 34,000 घटकर 3,98,516 पर आ गई।

अप्रैल और मई में पेरोल के आंकड़े और खराब रह सकते हैं

जानकारों का कहना है कि अप्रैल और मई में पेरोल के आंकड़े और खराब रह सकते हैं। उन्होंने यह आशंका कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने और कुछ जगहों पर लॉकडाउन होने से आर्थिक गतिविधियों में कमी आने के चलते जताई है।

कोविड की दूसरी लहर से नए वर्कर्स की संख्या में तेज गिरावट का अंदेशा

श्रम मामलों के जानकार अर्थशास्त्री के आर श्याम सुंदर कहते हैं, ‘अप्रैल में फॉर्मल वर्क फोर्स में शामिल होने वाले नए वर्कर्स की संख्या में तेज गिरावट आएगी। इसकी वजह संक्रमण के मामलों में उछाल और उसके चलते आर्थिक गतिविधियों में आई कमी होगी। इसके अलावा ऑटो और ऑटो एंसिलियरी जैसे सेक्टरों में प्रॉडक्शन घटा था और खरीदारी में लोगों की दिलचस्पी भी घटी थी।’

2020-21 में नई भर्तियां सालाना आधार पर डेढ़ लाख कम रही थीं

EPFO के मार्च के आंकड़ों के मुताबिक, मासिक आधार पर आयरन ओर माइनिंग, कूरियर सर्विस, रेस्टोरेंट, मोटर ट्रांसपोर्ट, पेट्रोलियम और नेचुरल गैस रिफाइनिंग जैसे सेक्टर में भर्ती होने वालों की संख्या इनसे निकलने वालों से ज्यादा रही। अगर 2020-21 में नई भर्तियों में बढ़ोतरी की बात करें तो जॉब से निकलने वालों से 77 लाख ज्यादा लोग भर्ती हुए थे, लेकिन यह आंकड़ा उससे पिछले वित्त वर्ष से डेढ़ लाख कम था।

सितंबर तिमाही से EPFO के नए सब्सक्राइबर की संख्या लगातार बढ़ी है

EPFO की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से नए सब्सक्राइबर की संख्या लगातार बढ़ी है, जबकि कोविड के चलते पहली तिमाही में तेज गिरावट आई थी। चौथी तिमाही के दौरान EPFO के सब्सक्राइबर्स की संख्या में 33.64 लाख का उछाल आया था।

शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैट पर रखे जाने वाले वर्कर की संख्या में उछाल

श्याम सुंदर के मुताबिक चौथी तिमाही में EPFO के सब्सक्राइबर्स की संख्या में उछाल की वजह लॉजिस्टिक्स और कूरियर सर्विस, ई-कॉमर्स और दूसरे सपोर्ट सर्विस सेक्टर में शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैट पर रखे जाने वाले वर्कर की संख्या में उछाल हो सकती है।

उनका कहना है कि उन लोगों की नौकरियां दो या तीन साल तक टिक नहीं पाएंगी लेकिन इनसे उनको इनकम हो रही है। वे लोग फॉर्मल सेक्टर का हिस्सा हैं क्योंकि उनमें से बहुत से लोगों को ऑर्गनाइज्ड ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने भर्ती किया है।

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