Sat. Nov 23rd, 2024

गाँवो में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 30 मई तक रह सकती है कोरोना कर्फ्यू की सख्ती जारी

प्रदेश के गावो में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार अभी कोरोना  कर्फ्यू में ढील देने के मूड में नहीं दिख रही वही प्रधानमंत्री द्वारा गाँवो में बढ़ते संक्रमण को लेकर जो चिंता जताई है उसके बाद राज्य सरकार भी गंभीर है ऐसे में उम्मीद कम है कि 25 मई के बाद कुछ राहत मिलेगी साफ है सरकार राज्य में कोविड कर्फ्यू में ढील देने के मामले में संक्रमण की स्थिति के आकलन के बाद ही कोई फैसला करेगी। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि हर रोज कोरोना पाजिटिव का आंकड़ा एक हजार से नीचे आने के बाद ही रियायत देने पर विचार किया जाएगा। वहीं कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि कोरोना के नियंत्रण को लेकर स्थिति अनुकूल नहीं रही तो और सख्ती की जाएगी। यदि संक्रमण की दर में कमी आती है तो समीक्षा के बाद ढील देने पर विचार किया जाएगा।
कोविड कर्फ्यू को लेकर सख्ती बरतने के बाद स्थिति में कुछ सधार दिखाई देने लगा है। हालांकि, इस सुधार को लेकर सरकार पूरी तरह आश्वस्त दिखाई नहीं दे रही है। इसकी वजह ग्रामीण क्षेत्रों में भी संक्रमण की दर बढ़ना है। माना जा रहा है ऐसे में 30 मई तक सख्ती बरकरार रह सकती है।साफ है अन्य राज्यों से अभी तक 1 लाख केे लगभग उत्तराखंड आए है प्रवासी उनके आने से गावों मैंं संक्रमण बढ़ गया है ऐसे में गांव की स्थिति को देखते हुए गंभीरता से काम करने की तैयारी की जा रही है और स्थायी तौर पर सुधार दिखने पर ही कोविड कर्फ्यू में कुछ रियायतें देने पर विचार किया जाएगा। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि बाहर से आने वालों को अब उत्तराखंड में बगैर आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट के दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। इसमें ढील नहीं दी जाएगी।कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर स्थिति की समीक्षा के बाद ही आगे कदम बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के अंदेशे को देखते हुए तैयारी की जा रही है। बच्चों के संक्रमण की जद में आने पर प्रदेशभर में अस्पतालों के आसपास के होटलों का अधिग्रहण किया जाएगा। इन्हें कोविड केयर सेंटर के रूप में तैयार किया जाएगा। इसमें बच्चों के साथ उनके माता-पिता के रहने की व्यवस्था भी की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *