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छोटे से गांव के किसान का बेटा प्रदीप बना IAS अधिकारी, जानिए कैसा रहा उनका सफर

Success Story Of IAS Topper Pradeep Kumar Dwivedi: बारीगढ़, छतरपुर बुंदेलखंड के रहने वाले प्रदीप कुमार ने अपनी कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की. इस दौरान उनके सामने कई मुश्किलें आईं लेकिन उन्होंने सभी का डटकर सामना किया. प्रदीप ने इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया और इसके बाद उन्होंने नौकरी की. इसी बीच उन्हें सिविल सेवा का ख्याल आया. काफी सोचने-समझने के बाद उन्होंने तैयारी शुरू कर दी और सफलता हासिल की. चलिए जानते हैं उनके इस सफर के बारे में..

प्रदीप के पिता हैं किसान
प्रदीप बेहद साधारण परिवार से आते हैं. उनके पिता किसान हैं और मां गृहणी. प्रदीप ने शुरुआती शिक्षा अपने होमटाउन से पूरी की. इसके बाद वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिये भोपाल आ गये. हालांकि शुरुआत में उनके मन में सिविल सेवा की तैयारी को लेकर कोई विचार नहीं था. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर नौकरी की. उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा को लेकर फैसला किया था कि अगर दो प्रयासों में वह सफल नहीं हुए तो आगे कोशिश नहीं करेंगे. उन्होंने इस दौरान कभी हिम्मत नहीं हारी और हमेशा तैयारी करते रहे.

दूसरे अटेम्प्ट में हुए चयनित
प्रदीप को मन मुताबिक सफलता हासिल करने में तीन वर्ष का समय लगा. हालांकि उनका यूपीएससी में सिलेक्शन दूसरे वर्ष में हो गया था. प्रदीप दूसरे अटेम्प्ट में 491 रैंक के साथ पास हुए थे. उन्होंने इस रैंक के तहत मिली सेवा भी ज्वॉइन कर ली थी. लेकिन वह लगातार तैयारी में लगे थे. प्रदीप ने साल 2018 में तीसरी बार परीक्षा दी और वे 74वीं रैंक के साथ आईएएस पद के लिए चयनित हो गए.

बिना कोचिंग के हुए सफल
प्रदीप कहते हैं कि मेन्स और प्री परीक्षा दोनों की तैयारी साथ करनी चाहिए. सबसे अहम बात कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए कोचिंग नहीं ली थी. वह ऑनलाइन माध्यम से तैयारी किया करते थे. उनका कहना है कि ऑनलाइन वह सब चीजें मौजूद हैं जिसकी मदद से आप परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं.

यहां देखें प्रदीप कुमार द्विवेदी द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू का वीडियो

प्रदीप की अन्य कैंडिडेट्स को सलाह
प्रदीप मानते हैं कि इस परीक्षा को पास करने में सेल्फ स्टडी का बड़ा योगदान होता है. आप शेड्यूल बनाएं और रोजाना पढ़ाई करें. अगर आप रोजाना नहीं पढ़ेंगे तो आपकी सफलता के चांसेस कम हो जाएंगे. हर पेपर को बराबर महत्व दें.

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