टोल कलेक्शन पर महामारी का असर
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते देश के कई राज्यों में लॉकडाउन और सख्त पाबंदी है। इससे ट्रांसपोर्टेशन बुरी तरह प्रभावित हुई है। रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने कहा कि मई में राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल कलेक्शन अप्रैल 2021 की तुलना में 25-30% तक कम हो सकता है। अप्रैल में भी टोल कलेक्शन 10% कम हुआ था।
जून से टोल कलेक्शन का आंकड़ा सुधरने की संभावना
इक्रा के वाइस प्रेसिडेंट राजेश्वर बर्ला ने कहा कि मई के तीसरे हफ्ते में कोरोना संक्रमण की दर में तेजी से गिरावट आई है। संभव है कि इससे राज्यों में जारी सख्त पाबंदियों से ढील मिले। ऐसे में जून में टोल कलेक्शन का आंकड़ा बढ़ सकता है। सरकारी डेटा के मुताबिक 2019-20 में नेशनल हाईवेज पऱ़ 26,851 करोड़ रुपए का टोल कलेक्शन हुआ, जो सालभर पहले 24,396 करोड़ रुपए था।
महाराष्ट्र पर कोरोना का सबसे बुरा असर
रेटिंग एजेंसी ने यह अनुमान 11 राज्यों को 29 प्रोजेक्ट्स पर कलेक्ट टोल के आंकड़ों पर दिया, जो 1 मार्च से 10 मई 2021 के बीच का है। रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र पर कोरोना का सबसे ज्यादा असर रहा। यहां कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सख्त पाबंदियां लगाई गई। नतीजा यह रहा कि अप्रैल से ही ग्रोथ की रफ्तार धीमी पड़ने लगी और आवाजाही भी बुरी तरह प्रभावित हुई।
पहली लहर से कम नुकसान की संभावना
पिछले साल महामारी के चलते देश भर में सख्त लॉकडाउन लगाया गया, लेकिन इस बार लोकल लेवल पर लॉकडाउन से मैन्यूफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज व सामानों की आवाजाही को छूट है। इसके चलते पिछले साल के मुकाबले इस बार टोल कलेक्शन पर कम प्रभाव पड़ेगा।