Thu. May 22nd, 2025

मध्यप्रदेश में जूडा की हड़ताल

प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज के करीब 3 हजार जूनियर डॉक्टर सोमवार सुबह 8 बजे हड़ताल पर चले गए। जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी, आईपीडी, ओपीडी, वार्ड ड्यूटी बंद कर दी। जूडा एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने आज मांगे नहीं मानी तो मंगलवार से कोविड वार्ड की ड्यूटी भी बंद कर देंगे। बता दें। जूनियर डॉक्टरों ने सरकार को 30 मई तक उनकी मांगों के संबंध में आदेश जारी करने का अल्टीमेटम दिया था।

जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अरविंद मीणा ने कहा कि उनका सरकार को दिया समय रविवार को पूरा हो गया है। उनकी मांगों को पूरा करने संबंधी कोई जानकारी नहीं मिली है। इसलिए विवश होकर हड़ताल पर जाना पड़ा।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर कहा कि कोरोना के समय में हड़ताल करना ठीक नहीं है। पीड़ितों को डॉक्टर्स की जरूरत है। जुडा की चार मांगे मानी गई है। स्टाइपेंड बढ़ाने की प्रक्रिया भी जारी है। डॉक्टर्स हठ धर्मिता कर रहे हैं।

डॉक्टर अरविंद मीणा ने बताया कि 6 मई को जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल की थी। उनको चिकित्सा शिक्षा मंत्री, एसीएस हेल्थ, मेडिकल एजुकेशान कमिश्नर और सभी डीन ने सर्वसम्मति से मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। बावजूद सरकार ने कार्रवाई नहीं की। डॉ. मीणा ने कहा कि यदि सरकार इन वादों में से किसी भी वादे से मुकरती है, तो हमारा पिछला समझौता निरस्त माना जाएगा।

यह है मांगें

  • जूनियर डॉक्टरों की स्टाइपेंड में 24 प्रतिशत करके 55000 से बढ़ाकर 68,200 एवं 57,000 से बढ़ाकर 70680 एवं 59,000 से बढ़ाकर 73,160 किया जाए।
  • हर साल वार्षिक 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी बेसिक स्टाइपेंड पर दी जाएं।
  • पीजी करने के बाद 1 साल के ग्रामीण बांड को कोविड की ड्यूटी के बदले हटाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएं, जिसमें जूडा के प्रतिनिधि भी शामिल हो
  • कोविड ड्यूटी में कार्यरत जूनियर डॉक्टर को 10 नंबर का एक गजेड सर्टिफिकेट दिया जाए, जो उसको सरकारी नोकरी में प्राथमिकता दें
  • कोविड में काम करने वाले जूनियर डॉक्टर और उनके परिवार के लिए अस्पताल में एक एरिया और बेड रिजर्व किया जाए। साथ ही नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *