कोरोना काल में बेलगाम महंगाई ने लोगों की मुश्किलें बढ़ाईं, दाल-तेल और गैस के दाम ने किया बेहाल
नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के बीच बेलगाम महंगाई ने आम जनता का हाल बेहाल कर दिया है। नौकरी गंवाने और कारोबार बंद होने के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे लाखों परिवारों के सामने रसोई का बजट संभालना मुश्किल हो रहा है। बीते एक साल में जरूरी खाद्य सम्रागी की कीमतों में 40 से लेकर 100 फीसदी का उछाल आया है। सबसे ज्यादा तेजी सरसो के तेल में दर्ज की गई है। देश में कई राज्यों में सरसो तेल 200 रुपये प्रति किलो के पार निकल गया है।
लॉकडाउन के बाद परेशानी बढ़ी
बीते साल और इस साल के लॉकडाउन को देंखे तो सबसे ज्यादा कीमतों में तेजी इसी दौरान देखने को मिली है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सबसे ज्यादा महंगाई खाद्य तेल की कीमतों में हुई हैं। पिछले साल के मुकाबले खुले बाजार में दाम लगभग डबल हो गए। उपभोक्ता मंत्रालय के मूल्य निगरानी प्रभाग के आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल से 20 मई के बीच सरकारों की तेल की कीमतों में तीस रुपए प्रति किलो की वृद्धि हुई है। पोर्ट ब्लेयर में यह वृद्धि 45 रुपए है।
पेट्रोल और रसोई गैस ने भी बढ़ाया बोझ
कोरोना काल में सिर्फ खाद्य वस्तुएं ही नहीं बल्कि पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की ऊंची कीमत ने भी बोझ बढ़ाने का काम किया है। देश में कई जगह पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल चुकी है। एक जनवरी से 31 मई के बीच पेट्रोल की कीमत करीब 10.30 दस रुपये और डीजल के दाम 11.28 रुपये बढे हैं। वहीं, रसोई गैस की कीमत प्रति सिलेंडर करीब 900 रुपये हो गई है।
महंगाई का दौर अभी नहीं थमेगा : विशेषज्ञ
देश में महंगाई अगले कुछ महीनों तक सताने वाली है। विशेषज्ञों की राय में महंगाई इस साल के मध्य तक घटनी शुरू होगी और सब ठीक रहा तो साल के आखिर तक ही जाकर घट पाएगी क्योंकि दूसरी लहर से मांग और आपूर्ति बड़े स्तर पर प्रभावित हुई है। कई विशेषज्ञों ने आशंका भी जाहिर की है कि अगर लॉकडाउन और कर्फ्यू को ठीक तरह से मैनेज नहीं किया गया तो खाने-पीने की चीजों की भी महंगाई भी बढ़ सकती है।
कालाबाजारी को रोके सरकार
कोराना संकट के बीच महंगाई रसोई का बजट बिगाड़ रहा है। हिन्दुस्तान ने दिल्ली, पटना, लखनऊ समेत ग्रामीण इलाकों की गृहणियों से बात की तो उन्होंने बताया कि खाद्य तेल, फल, सब्जियों व दालों सहित रसोई में इस्तेमाल होने वाली हर वस्तु के दाम बढ़ गए हैं। कीमतें आसमान छूने लगी हैं। कोई भी दाल सौ रुपये से कम प्रति किलो नहीं मिल रही है। वहीं, दूसरी ओर कोरोना से आय घटने से घर चलाना मुश्किल हो रहा है। गृहणियों का मनना है कि कीमत में बढ़ोतरी के पीछे जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले लोग हैं। सरकार को वैसे लोगों पर पर जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।