मालूम हो, वर्ष 2018 में रामलाल राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के तौर पर प्रदेश में सक्रिय रहते थे। इनके बाद अब शिवप्रकाश ने उसी तेवर के साथ प्रदेश में दस्तक दी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों से चर्चा की और यह जानने का प्रयास किया कि मैदानी हालात के तौर पर भाजपा कितनी सशक्त है। उनकी यह जिज्ञासा भी सामने आई कि सरकार और संगठन के स्तर पर किए जा रहे कार्यों को जनता के बीच कितनी लोकप्रियता मिल रही है। इंदौर से दौरा करते हुए भोपाल आनेे के दौरान स्थानीय संगठन पदाधिकारियों और विधायकों से भी फीडबैक लिया।

सकारात्मक माहौल पर दिया जोर

शिवप्रकाश ने भोपाल के विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक में कोरोना काल के दौरान उनके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी ली। इससे यह स्पष्ट हो गया कि उनकी स्र्चि यह जानने में थी कि जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता की भलाई के लिए किसने-कितना काम किया। सभी ने अपने-अपने काम गिनाए, लेकिन उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि उन्होंने सभी स्तर की बातचीत में यह जरूर कहा है कि कोरोना के कारण समाज में नकारात्मकता का माहौल बेहद गंभीर रूप में है। आम जनता इस नकारात्मकता से किस प्रकार बाहर आए, इसके लिए सत्ता और संगठन के समन्वय से तेज गति से काम किया जाए।

दमोह उपचुनाव के बहाने आगे की रणनीति

प्रदेश में खंडवा लोकसभा क्षेत्र के अलावा पृथ्वीपुर, जोबट और रैगांव में विधानसभा उपचुनाव होने हैं। दमोह में पार्टी की हार के कारणों के बारे में जानकारी जुटाते हुए उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि आगामी उपचुनावों में पार्टी को दमोह में रह गई खामियों को दूर करने की आवश्यकता है। उन्होंनेे अंतिम स्तर पर कार्यरत कार्यकर्ता को भी सक्रिय करने की नसीहत दी है।