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उत्तराखंड में बाल रोग विशेषज्ञों की भारी कमी, बच्चे कोरोना संक्रमित हुए तो बढ़ेगी परेशानी

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बाल रोग विशेषज्ञों की भारी कमी है. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर में अगर बच्चे संक्रमित होते हैं तो परेशानियां बहुत बढ़ सकती हैं. आंकड़ों के मुताबिक 3 हज़ार बच्चों पर एक बाल रोग विशेषज्ञ है जो की काफी कम है. तीसरी लहर में माना जा रहा है कि कोरोना का वायरस बच्चों को ज्यादा संक्रमित कर सकता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अब बच्चों के लिए वार्ड, आईसीयू और अन्य व्यवस्थाएं करने में जुट तो गया है लेकिन बाल रोग विशेषज्ञों की कमी इतनी जल्दी दूर करना संभव नहीं है.

देहरादून जिले में प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में बच्चों के डॉक्टरों की कुल संख्या 149 है जबकि 18 साल तक के बच्चों की संख्या पांच लाख के आसपास है. बच्चों और डॉक्टरों के अनुपात में तीन हज़ार से अधिक बच्चों पर एक बाल रोग विशेषज्ञ की उपलब्धता है.

अस्पतालों में तैयारियां दुरस्त की जा रही हैं

दून जिले के कोरोना नोडल अधिकारी डॉ. दिनेश चौहान ने बताया कि तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए सभी अस्पतालों में तैयारियां दुरस्त की जा रही हैं. जिले में निक्कू और पीकू वार्ड का निरीक्षण किया गया है इसके साथ ही इसमें कितने बेड्स और बढ़ाये जा सकते हैं इसपर भी काम किया जा रहा है. डॉ. दिनेश ने बताया की सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड्स बढ़ाने की जो भी संभावनाएं हैं उनपर काम किया जा रहा है.

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