भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल समेत प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों में चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है। रविवार और सोमवार की दरमियानी रात दो बजे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात के बाद जूडा ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया है। हालांकि, जूडा की 24 फीसद तक तक मानदेय बढ़ाने की मांग को सरकार ने नहीं माना है। जूडा ने कहा है कि हाईकोर्ट के निर्देश के सम्मान में हड़ताल खत्म की है। जूडा के स्टेट प्रेसीडेंट डॉ. अरविंद मीणा ने हड़ताल खत्म करने की पुष्टि की है। छह मांगों को लेकर जूडा 31 मई से आंदोलन कर रहा था। प्रदेश में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपपुर , रीवा और सागर में जूनियर डॉक्टर हैं जहां हड़ताल चल रही थी। जूडा की सबसे बड़ी मांग मानदेय में 24 फीसद तक बढ़ोतरी थी। सरकार ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर 17 फीसद तक बढ़ोतरी की मांग मानी है। इस मुद्दे पर जूडा और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी। शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जबलपुर ने जूडा को 24 घंटे के भीतर हड़ताल खत्म करने को कहा था, लेकिन जूडा ने सामूहिक इस्तीफा देकर हड़ताल जारी रखी थी।

यह थीं मांगें

– मानदेय में 24 फीसद बढ़ोतरी कर प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के लिए क्रमश: 55 हजार से बढ़ाकर 68200, 57 हजार से बढ़ाकर, 70680 ओर 59 हजार से बढ़ाकर 73160 किया जाए। मानदेय में हर साल छह फीसद इंक्रीमेंट लगाया जाए।

– कोविड ड्यूटी को अनिवार्य ग्रामीण सेवा माना जाए। अभी सिर्फ उन्हीं डॉक्टरों की कोरोना ड्यूटी को इसमें शामिल किया गया है जो कोर्स पूरा होने के बाद ड्यूटी कर रहे हैं।

– जूडा व उनके स्वजन के इलाज के लिए अस्पताल में विशेष व्यवस्था की जाए।

जूडा के खिलाफ की गई कार्रवाई

– जूडा पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया था। इसके बाद संबंधित कॉलेजों के डीन ने सीट छोड़ने के लिए तय बांड राशि जमा कर विधिवत इस्तीफा देने को कहा था।

– जूडा पदाधिकारियों को छात्रावास खाली करने का नोटिस जारी किया गया था।

– ग्वालियर में जूडा पदाधिकारियों को बर्खास्त किया गया।