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क्या कोरोना महामारी से पहले ही चीन ने बना ली थी वैक्सीन, टॉप वायरोलॉजिस्ट ने जताई यह आशंका

नई दिल्ली  । कोरोना कहां से और कैसे पनपा, इसे लेकर चीन पर दुनियाभर के देशों का शक गहराता जा रहा है। चीन के वुहान लैब से कोरोना वायरस की उत्पत्ति की थ्योरी के पक्ष में दुनियाभर में विचार मजबूत हो रहे हैं। लेकिन इस बीच एक और सवाल है कि अगर चीन से कोरोना वायरस निकला तो उसने इतनी जल्दी इस पर काबू कैसे पा लिया, क्या उसने इसकी वैक्सीन पहले ही बना ली थी? दरअसल, टॉप वायरोलॉजिस्ट को ऐसा ही प्रतीत हो रहा है कि चीन शायद दुनिया से यह सच छिपा रहा था और उसने महामारी से पहले ही वैक्सीन तैयार कर ली थी। चीनी वायरस से दुनियाभर में करीब 37 लाख से अधिक लोगों की मौतें हो चुकी हैं और करीब 18 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, एक प्रसिद्ध भारतीय वायरोलॉजिस्ट ने दावा किया है कि संभवत: चीन ने कोरोना वायरस के फैलने की या लीक होने की संभावना को देखते हुए पहले ही वैक्सीन विकसित कर ली थी। बता दें कि कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस वायरस एक लैब में तैयार किया गया था। उन्होंने आशंका जताई कि वैक्सीन के शुरुआती दिनों में ही मौजूद होने से चीन को कोरोना वायरस को समय रहते कंट्रोल करने में मदद मिली। दुनिया की सबसे अधिक 140 करोड़ की आबादी वाले देश में दिसंबर 2019 में सिर्फ 91,300 संक्रमण के मामले दर्ज किए गए थे और 4636 लोगों की मौतें हुई थीं। कोरोना वायरस के दर्ज मामलों में चीन दुनियाभर में 98वें नंबर पर मौजूद है। जॉन क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर में क्लिनिकल वायरोलॉजी विभाग के प्रमुख वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर टी जैकब ने कहा कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से संदिग्ध रिसाव को लेकर कुछ रहस्य है। चीन की कोविड-19 महामारी दुनिया में अनोखी थी। यानी कि वे कुछ छिपा रहे हैं… या वे अलग हैं…या चीन ने इसके लिए पहले से तैयारी की थी। सब कुछ वह नहीं है जो आंख से दिख रहा है। उन्होंने एक युवा चीनी वैज्ञानिक द्वारा कोरोना वैक्सीन के लाइसेंस के लिए 24 फरवरी 2020 को दिए गए आवेदन के उदाहरण का जिक्र किया। उन्होंने आशंका जताई कि कोरोना विस्फोट के महज 2 महीने के भीतर वैक्सीन पर काम करना बहुत जल्दबाजी की बात मालूम होती है। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि चीन ने वैक्सीन के निर्माण के लिए कम से कम एक साल पहले से काम करना शुरू किया होगा। उन्होंने कहा कि वह युवा चीनी वैज्ञानिक मर चुका है। इसमें अभी बहुत सारे राज हैं। ऐसा लगता है कि चीन कुछ छुपा रहा है, जैसे कोई अपराधी छिपाता है। उन्होंने कहा कि यहां कुछ ऐसे सबूत हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह लैब से ही बना वायरस है। बता दें कि कोरोना की उत्पत्ति की जांच को लेकर अब चीन चौतरफा घिरता जा रहा है। अब न सिर्फ जर्नल और स्टडी उसकी पोल खोलते नजर आ रहे हैं, बल्कि अमेरिका, भारत और ब्रिटेन जैसे देश भी उस पर निष्पक्ष जांच का दवाब बना रहे हैं।

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