कोरोना वायरस के हल्के या मध्यम लक्षण वाले मरीजों को डाक्टर घर पर रहकर ही इलाज करने को कहते हैं। होम आइसोलेशन में मरीज की देखभाल करने वालों पर जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्हें मरीज का ध्यान रखने के साथ-साथ खुद का बचाव भी करना पड़ता है। आइजीएमसी शिमला के विशेषज्ञ कार्डियोलाजी डा. राजीव ने कहा मरीज की देखभाल करने वाला व्यक्ति ऐसा होना चाहिए, जिसमें पहले से कोई बीमारी न हो और उसे कोरोना से संक्रमित होने की संभावना कम हो। मरीज को पूरी तरह आइसोलेट हो जाना चाहिए।
मरीज का अलग कमरा और बाथरूम होना चाहिए। मरीज के कमरे की खिड़कियां खुली रखें, ताकि सही वेंटीलेशन हो। कोरोना के मरीज के लक्षणों पर नजर रखें। अगर मरीज को सांस लेने में दिक्कत, छाती में तेज दर्द हो रहा हो या मरीज बिस्तर से उठ ही नहीं पा रहा हो तो ऐसे गंभीर लक्षण दिखने पर डाक्टर से संपर्क करें। देखभाल करने वाले व्यक्ति को मरीज के कमरे में जाते समय अच्छी तरह मास्क लगाना चाहिए। अपना मास्क समय-समय पर बदलते रहें।
कोरोना को मात देने के लिए सबसे पहले अपने आत्मविश्वास को मजबूत बनाएं। किसी भी परिस्थति में घबराएं नहीं। आर्युर्वेदिक चिकित्सक गोंदपुर बनेहड़ा (ऊना) डा. रोहित चौधरी ने कहा आयुर्वेद में कई उपाय हैं जो इस संक्रमण को मात देने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में कारगर हैं। गिलोय को टुकड़ों में विभाजित करें और रात में एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाएं। सुबह इस पानी को खाली पेट पीएं। 10 तुलसी के पत्ते, एक चम्मच पिसा हुआ अदरक और आधा चाय चम्मच काली मिर्च लें। सभी को एक गिलास पानी डालकर तब तक उबालें जब तक कि पानी आधा न रह जाए। इसे दिन में दो बार पीने के लिए एक शहद चम्मच मिला काढ़ा तैयार कर लें। यह काफी प्रभावी होता है। बीमारियों से लडऩे की क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा एक गिलास गाय के दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाएं। इसे उबालें और फिर गर्म दूध लें। तुलसी अर्क की चार बूंदें 100 एमएल पानी में मिलाकर दिन में पानी के साथ लें।