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मौत के आंकड़ों पर विवाद शुरू, अचानक हुई 73 फीसदी बढ़ोतरी पर विपक्ष ने उठाए सवाल

पटना: बिहार में कोरोना से मरने वालों की संख्या पर विवाद जारी है. विवाद की वजह कोविड साइट पर दिख रहे आंकड़े हैं. दरअसल, बिहार स्वास्थ्य विभाग की ओर से सात मई को जो आंकड़े जारी किए गए थे, उस अनुसार बिहार में कोरोना से 5424 लोगों की मौत हुई थी. लेकिन आठ मई को जब आंकड़े जारी किए गए तो मृतकों की संख्या 9375 पहुंच गई. आंकड़ों के इसी ‘खेल’ पर विवाद शुरू हो गया है. सवाल ये कि 24 घंटे में मौत का आंकड़ा 73 प्रतिशत कैसे बढ़ गया.

अपर मुख्य सचिव ने दी सफाई

विवादों के बीच बिहार स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को कोरोना काल में वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित की. इस दौरान उन्होंने एक ओर जहां राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या की जानकारी दी. वहीं, दूसरी ओर मृतकों की संख्या को लेकर हुई लापरवाही की जानकारी देते हुए लापरवाह स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई की बात कही. उन्होंने कहा कि कई ऐसे लोग थे, जो छूट गए थे. ऐसे में जांच कर सही लोगों को जोड़ा गया है.

लापरवाह कर्मियों पर होगी कार्रवाई

आंकड़ों में हुई गड़बड़ी का स्वास्थ्यकर्मियों को जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके स्तर से चूक हुई है. ऐसे में उनपर कार्रवाई की जा रही है. वहीं, आगे भी जिनकी लापरवाही सामने आएगी, उनपर कार्रवाई की जाएगी. ये अत्यंत संवेदनशील मामला है और हर जिले को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए थी. नियमित रूप से रिपोर्ट भेजनी चाहिए थी. कोरोना काल में चुनौतियां थीं, लेकिन रिपोर्ट समेय पर भेजनी चाहिए थी.

कांग्रेस नेता ने कही ये बात

इधर, आंकड़ों के ‘खेल’ पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने पूरे मामले की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि हर विभाग में भ्रष्टाचार है. आपदा में अवसर ढूंढना कोई बिहार सरकार से सीखे. सरकार कल तक आंकड़े छिपा रही थी. लेकिन जब मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये देने का एलान हुआ, तब आंकड़ा अचानक बढ़ने लगा, क्योंकि आंकड़ा बड़ा होगा तभी तो घोटाला बड़ा होगा. ऐसे में हमारी मांग की पूरे मामले की जांच हो.

सरकार एक्सपोज हो गई है

आरजेडी ने भी राज्य में कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों में सामने आई गड़बड़ी पर सरकार को घेरा है. आरजेडी प्रवक्तता मृयुंजय तिवारी ने कहा कि पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए. एक दिन 73 फ़ीसदी बढ़ोतरी के बाद बिहार सरकार एक्सपोज हो गई है. गंगा घाटों पर असंख्य चितायें जल रही थीं और सरकार आंकड़े छिपा रही थी. गांवों में अब भी रिपोर्ट तैयार नहीं किया गया है. ऐसे में पूरे मामले की जांच हो ताकि सही आंकड़ा निकल कर सामने आए.

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