Mon. May 19th, 2025

राजस्थान में सियासी डैमेज कंट्रोल की कोशिश:पायलट खेमे के 3 से 4 विधायक मंत्री बन सकते हैं, BSP से आए कुछ विधायकों को भी जगह मिलेगी

कांग्रेस में असंतोष और आपसी खींचतान को कंट्रोल करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगले महीने मंत्रिमंडल विस्तार का दांव चल सकते हैं। इसके तहत सचिन पायलट खेमे के 3 से 4 विधायकों को मंत्री बनाकर कोल्ड वॉर पर कुछ समय के लिए विराम लगाया जा सकता है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल कांग्रेस के पूर्णकालिक अध्यक्ष की जुलाई में नियुक्ति होते ही पूरा किए जाने के आसार हैं।

राजस्थान में 30 मंत्री बनाने का कोटा है, अभी मुख्यमंत्री सहित 21 मंत्री हैं, ऐसे में 9 मंत्री और बनाए जा सकते हैं। पायलट खेमे से 3 से 4 विधायकों को मंत्री बनाने के अलावा BSP छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए 6 में से 2 विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है। कांग्रेस और निर्दलियों में से भी कुछ नए चेहरों को मौका मिलने के आसार हैं। ​

ढाई साल में पहला विस्तार होगा
सरकार बने ढाई साल का वक्त बीत चुका है और अभी तक गहलोत मंत्रिमंडल में एक बार भी विस्तार और फेरबदल नहीं हुआ है। पायलट खेमे की बगावत के वक्त सरकार के साथ खड़े होने वाले निर्दलीय विधायक, सचिन पायलट खेमा और BSP से कांग्रेस में आने वाले विधायक लगातार इसके लिए दबाव बना रहे हैं।

पिछले साल जुलाई में बगावत के कारण सचिन पायलट को डिप्टी CM पद से और विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। पायलट खेमा बर्खास्त किए गए मंत्रियों से ज्यादा अपने विधायकों के पद चाहता है। राजनीतिक नियुक्तियों में भी पायलट खेमा अपने लिए भागीदारी चाहता है।

मंत्रियों के विभागों में बड़े पैमाने पर फेरबदल होगा
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ मंत्रियों के विभागों में बड़े पैमाने पर फेरबदल भी होना तय है। स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग के विभाग बदले जा सकते हैं।

कई विधायकों के नाराज होने का खतरा
मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसी विधायक को नाराज करने की हालत में नहीं हैं। मंत्रिमंडल विस्तार होने पर वंचित रहने वाले विधायकों के नाराज होने का खतरा बरकरार है। ज्यादातर विधायक मंत्री बनना चाहते हैं और 9 से ज्यादा सीट खाली नहीं है। किसी को ड्रॉप करने जैसी हालत भी नहीं दिख रही।

विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियां देने का भी दांव
जिन विधायकों का मंत्री बनने का नंबर नहीं आएगा, उन्हें बड़ी राजनीतिक नियुक्तियां देकर संतुष्ट किया जा सकता है। इसके लिए बोर्ड, निगम अध्यक्ष और बड़ी राजनीतिक नियुक्तियों वाले पदों को लाभ के पद के दायरे से बाहर करके उन पर विधायकों को मौका दिया जा सकता है।

डोटासरा बोले- जिला स्तर की राजनीतिक नियुक्तियां जल्द करेंगे
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र का मामला है। जिला और ब्लॉक स्तर की राजनीतिक नियुक्तियों का काम जून खत्म होने तक पूरा कर लिया जाएगा।

गहलोत ने पिछले कार्यकाल में तीन साल में दो बार फेरबदल किया था
गहलोत ने 2008 से 2013 के बीच पिछले कार्यकाल में तीन साल से कम वक्त में दो बार मंत्रिमंडल फेरबदल किया था। 2009 में बसपा से कांग्रेस में आने वाले विधायकों को मंत्री और संसदीय सचिव बनाया था।

इसके बाद 16 जून 2011 को विस्तार करते हुए एक कैबिनेट और 6 राज्य मंत्री बनाए थे और 5 मंत्रियों को हटाया था। इस बार सरकार बने ढाई साल बीत गए, लेकिन फेरबदल और विस्तार का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed