जयपुर से 17 शहरों के लिए बिना त्यौहार के भी 20 स्पेशल ट्रेनें; VVIP पर मेहरबानी, सीनियर सिटीजन को राहत नहीं, सामान्य पर तत्काल का ही वसूल रहे किराया

कोरोना का संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा है। एक तरफ जहां इससे वैश्विक आर्थिक मंदी आई है। लेकिन रेलवे ने आपदा में भी कमाई का अवसर बना लिया है। रेलवे ने संक्रमण फैलने की आड़ में ट्रेनों में सीनियर सिटीजन जैसी सभी छूट पिछले एक साल से बंद कर ही रखी हैं। जबकि vvip सांसदों, मंत्रियों की मुफ्त यात्रा नहीं रोकी गई है। इसके पीछे दलील दी जा रही है कि वे जनता के कामों के लिए यात्रा करते हैं। उधर बिना त्यौहार के भी लगातार त्यौहार स्पेशल ट्रेनें दौड़ाई जा रही हैं। ताकि सामान्य रिजर्वेशन टिकट लेने वालों से भी तत्काल किराया वसूला जा सके। कोरोना से पहले जयपुर से रोजाना 165 ट्रेनों का संचालन होता था। जो अब कम होकर 80 ही रह गया है।
जयपुर से हैदराबाद एक ट्रेन में 2930, दूसरी में 3225 किराया
जयपुर से लखनऊ, वाराणसी, न्यूजलपाईगुडी, अमृतसर, अहमदाबाद, मुंबई, श्रीगंगानगर, पटना, हैदराबाद, पुणे, मदुरै सहित अन्य शहरों के बीच त्यौहार स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इनमें जनरल रिजर्वेशन पर भी तत्काल किराया लिया जा रहा है। जयपुर से हैदराबाद के बीच एक स्पेशल ट्रेन (07019/20) में सैकंड एसी में 2930 रुपए, थर्ड एसी 2015 और स्लीपर में 760 रुपए किराया लिया जा रहा है। वहीं दूसरी त्यौहार स्पेशल ट्रेन (02719/20) में क्रमश: 3225, 2315 और 920 रुपए किराया लिया जा रहा है। यानि एक ही रूट की दो ट्रेनों में अलग-अलग किराया वसूला जा रहा है। क्योंकि स्पेशल ट्रेन में सामान्य और त्यौहार स्पेशल ट्रेन में तत्काल किराया वसूला जा रहा है। टूर एंड ट्रैवल एक्सपर्ट (तार) धीरज मित्तल का कहना है महामारी में रेलवे को सामान्य टिकट पर भी तत्काल किराया नहीं वसूलना चाहिए। इससे मंदी के इस दौर में लोगों पर दोगुना आर्थिक बोझ पड़ता है।
वीवीआईपी को मुफ्त में टिकट, लेकिन बुजुर्गों से पूरा किराया
कोरोना से पहले ट्रेनों में यात्रियों को टिकट पर 303 तरह की रियायत दी जा रही थी। लेकिन सीनियर सिटीजन, पत्रकार, पुलिस सहित अन्य रियायतों को बंद कर फिलहाल 115 तरह की रियायत दी जा रही हैं। यानि सबसे अधिक लिया जाने वाला सीनियर सिटीजन कंसेशन भी बंद कर रखा है। ऐसे में बुजुर्ग यात्रियों को पूरा किराया देकर रिजर्वेशन कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि vvip केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, वर्तमान/पूर्व सांसद और विधायक को रेल/हवाई यात्रा मुफ्त में कराई जा रही है। इसके पीछे दलील दी जा रही है कि वो जन प्रतिनिधि हैं, इसलिए वे यात्रा भी जनता के लिए करते हैं। ऐसे में उन्हें मुफ्त यात्रा करवाई जा रही है। तो वहीं मीडिया कर्मियों के रेलवे द्वारा कंसेशन कार्ड तो बनाए जा रहे हैं, लेकिन टिकट पर किसी भी तरह की छूट नहीं दी जा है।
रेल कर्मियों को भी देना पड़ता है किराया
त्यौहार स्पेशल ट्रेनों में सिर्फ जनता ही नहीं, बल्कि रेलकर्मियों से भी किराया वसूला जाता है। क्योंकि इन ट्रेनों में राजधानी/शताब्दी का नियम लागू है। यानि पूरी ट्रेन में सैकंड एसी में 1 और थर्ड एसी में 2 सीट पर ही सुविधा पास पर यात्रा की जा सकती है। अगर इस कोटे में कुल 3 सीट पहले से ही बुक हो गईं, तो रेलकर्मियों को किराया देना होगा। रेलवे ने ट्रेनों को रेगुलर करने और सामान्य टिकट से यात्रा करने की अनुमति देने को कोई योजना नहीं बनाई है। बल्कि अगर फिर कोरोना का संक्रमण बढ़ता है, तो ट्रेनों का संचालन फिर बंद किया जाएगा। तभी रेलवे ट्रेनों को स्पेशल नंबर (0 नंबर से) से संचालित कर रहा है। लेफ्टिनेंट शशि किरण का कहना है कि जोनल रेलवेज स्वयं के स्तर पर कोई निर्णय नहीं ले सकता है। ट्रेनों को नियमित करना और जनरल टिकट से यात्रा करने के अनुमति रेलवे बोर्ड द्वारा ही जारी की जाएगी।