बिजली में आत्मनिर्भर बनेंगी जिले की आंगनबाड़ियां:हरदा देश का पहला जिला, जहां सभी 550 आंगनबाड़ी साैर ऊर्जा से हाेंगी राेशन

हरदा देश का पहला जिला होगा, जहां सभी 550 आंगनबाड़ी सौर ऊर्जा से रोशन होंगी। इसकी शुरुआत चार केंद्रों से कर दी गई है। बच्चों काे मच्छर व गर्मी से निजात दिलाने के लिए एक सीडी पंखा भी लगाया जाएगा, जो सामान्य से कम वॉल्ट पर चलता है।
रोशनी के लिए 10-10 वाॅट के दाे एलएडी बल्ब भी जलेंगे। नाे ग्रिड, नाे बैटरी का साेलर सिस्टम लगाने में प्रत्येक केंद्र पर 7610 रुपए खर्च आएगा। यह खर्च सरकार काे नहीं उठाना हाेगा, सब जन सहयाेग से हाेगा। इसके लिए हरदा जिले में एनर्जी स्वराज फाउंडेशन बिना ग्रिड बिना बैटरी (NGNB) का सोलर सिस्टम आंगनबाड़ियों में लगाने की पहल कर रहा है। साेलर मैन चेतन सिंह साेलंकी ने बताया कि हरदा जिले में 100 आंगनबाड़ी केंद्रों में जनसहयोग से ही साेलर सिस्टम लगाने की तैयारी हाे चुकी है। 15 अगस्त तक सभी 550 केंद्रों पर यह सिस्टम लगवाएंगे। इसके लगने से हरदा देश का पहला ऐसा जिला बन जाएगा जहां के सभी आंगनबाड़ी केंद्र साैर ऊर्जा से राेशन हाेंगे।

सुबह 8 बजे के बाद खुलती हैं आंगनबाड़ी इसलिए सिस्टम सफल
15 अगस्त तक सभी केंद्रों में 10-10 वाॅट के 2 बल्ब और एक पंखा चलाने की सुविधा हाेगी। जिससे बिजली की बचत हाेगी। सोलंकी ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र सुबह 8 बजे के बाद खुलते हैं। तब तक काफी उजाला हाे जाता है। इस बीच साेलर प्लेट रिचार्ज हाे चुकी हाेगी। बारिश में भी परेशानी नहीं आएगी।
बीड़, कड़ोला, चारखेड़ा व एक अन्य आंगनबाड़ी केंद्र हुआ रोशन
महिला बाल विकास अधिकारी संजय त्रिपाठी ने बताया कि अभी तक बीड़, कडाेला, चारखेड़ा व एक अन्य केंद्र में साेलर सिस्टम लग चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के संचालन व रखरखाव के लिए स्व सहायता समूहों काे ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे किसी प्रकार की छाेटी माेटी तकनीकी खामी आने पर वे खुद इसे ठीक कर सकें।
दानदाता के नाम की प्लेट लगाई जाएगी आंगनबाड़ी केंद्र में
अभी तक जिले में 74 केंद्रों पर पूरी तरह से जनभागीदारी से यह व्यवस्था देने का काम चल रहा है। योगदान देने वाले दानदाता के नाम की एक छोटी नेम प्लेट भी आंगनबाड़ी में लगाई जाएगी।