BCCI को बड़ी राहत:IPL की पूर्व फ्रेंचाइजी डेक्कन चार्जर्स को नहीं देना होगा 4800 करोड़ रुपए का हर्जाना, कोर्ट ने पंचाट के फैसले पर रोक लगाई
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) को डेक्कन चार्जर्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट समाप्ति से संबंधित मामले में बंबई हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। भारत बोर्ड को अब IPL की इस पूर्व फ्रेंचाइजी को 4800 करोड़ रुपए का हर्जाना नहीं भरना होगा। जस्टिस जीएस पटेल की खंडपीठ ने पंचाट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें इस राशि को बतौर हर्जाना भरने को कहा गया था।
नौ साल पुराना है मामला
यह मामला नौ साल पुराना (2012) का है। तब BCCI ने डेक्कन चार्जर्स का अनुबंध समाप्त कर दिया था। बोर्ड का कहना था कि फ्रेंचाइजी ने बैंक गारंटी के तौर पर 100 करोड़ रुपए जमा नहीं कराए थे। इस कारण उसका अनुबध समाप्त कर दिया गया। डेक्कन चार्जर्स ने बोर्ड के इस फैसले को बंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद अदालत ने रिटायर्ड जस्टिस सीके ठक्कर को पंचाट (आर्बिट्रार) नियुक्त किया था।
पंचाट ने 2019 में दिया था फैसला
पंचाट ने पिछले साल जुलाई में फैसला दिया था कि BCCI को डेक्कन चार्जर्स की स्वामित्व वाली कंपनी डेक्कन क्रॉनिकल्स होल्डिंग्स लिमिटेड (DCHL) को 4800 करोड़ रुपए देने होंगे। बोर्ड ने पंचाट के फैसले के खिलाफ बंबई हार्कोर्ट में अपील की थी।
कोच्चि टस्कर्स के साथ भी चल रहा ऐसा मामला
भारतीय बोर्ड IPL की एक और पूर्व फ्रेंचाइजी कोच्चि टस्कर्स केरल के साथ भी इसी तरह के विवाद में उलझा हुआ है। 2011 में बोर्ड ने 156 करोड़ रुपए की सालाना बैंक गारंटी देने में नाकाम रहने पर फ्रेंचाइजी को लीग से निलंबित कर दिया था। इस फैसले को फ्रेंचाइजी ने उसी साल बंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। पंचाट ने BCCI को 850 करोड़ रुपए हर्जाना भरने को कहा था। इस फैसले को भी BCCI ने चुनौती दी है।
दूसरे सीजन की चैंपियन रही थी डेक्कन चार्जर्स
डेक्कन चार्जर्स की टीम 2008 से लेकर 2012 तक IPL का हिस्सा रही थी। टीम 2009 में चैंपियन भी बनी थी। मुंबई इंडियंस के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा भी शुरुआत में डेक्कन चार्जर्स का हिस्सा थे। डेक्कन चार्जर्स को हटाए जाने के बाद हैदराबाद फ्रेंचाइजी की बोली सन नेटवर्क ने जीती और टीम का नाम सनराइजर्स हैदराबाद हो गया।