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दून अस्पताल में जल्द भर्ती होंगे सामान्य मरीज, अब तक कोरोना संक्रमितों का ही हो रहा था इलाज

देहरादून। कोरोना का प्रसार कम होने के बाद दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में सामान्य मरीजों के लिए सभी सेवाएं अब फिर से बहाल की जा रही हैं। जल्द ही यहां आइपीडी भी शुरू कर दी जाएगी। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने सभी विभागाध्यक्ष से ओपीडी की समीक्षा कर आख्या मांगी है। उसके बाद पूरी ओपीडी खोलने और सामान्य मरीज भर्ती करने पर विचार किया जाएगा।

शहर के प्रमुख कोविड-अस्पताल, दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों का ही उपचार किया जा रहा था, लेकिन अब कोरोना का प्रसार काफी कम हो गया है। साथ ही सक्रिय मामले भी काफी कम रह गए हैं। ऐसे में पुन: सामान्य मरीजों के लिए व्यवस्था बनाई जा रही हैं। ओपीडी शुरू करने के बाद अब अस्पताल प्रशासन सामान्य आइपीडी शुरू करने की तैयारी में है। अस्पताल में एक सप्ताह से ओपीडी चल रही है। सुबह आठ से दस बजे तक पंजीकरण और बारह बजे तक मरीज देखे जाते हैं। प्रत्येक ओपीडी में 25-25 मरीज की बाध्यता रखी गई है।

फिलवक्त यहां हर दिन 350-400 मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीजों की संख्या भी अब 50 से नीचे आ रही है। इसीलिए अब सामान्य मरीजों की भर्ती शुरू करने पर अस्पताल प्रबंधन ने काम शुरू कर दिया है। प्राचार्य का कहना है कि अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा के लिए तमाम प्रबंध किए गए हैं। ओपीडी में मरीज बढ़ रहे हैं। पूरी ओपीडी खोलने के लिए चिकित्सा अधीक्षक डा. केसी पंत एवं सभी विभागाध्यक्ष से आख्या मांगी गई है। इसके बाद समीक्षा कर ओपीडी पूरी तरह खोलने एवं सामान्य मरीजों को भर्ती किये जाने का प्लान बनाया जाएगा।

फ्लू, मेडिसन, एएनसी में ज्यादा मरीज

पंजीकरण प्रभारी विनोद नैनवाल ने बताया कि ओपीडी में सबसे ज्यादा भीड़ फ्लू ओपीडी में हैं। यहां पर रोजाना 100 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इसके अलावा मेडिसन और एएनसी में भी खासी भीड़ है।

पूर्व सीएमओ डा अनूप डिमरी को दी विदाई

मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में गुरुवार को पूर्व सीएमओ डा अनूप कुमार डिमरी को सीएमओ डा मनोज उप्रेती और अधिकारियों व कर्मचारियों ने विदाई दी। डा. डिमरी ने सभी सहकॢमयों का धन्यवाद किया। उन्होंने अनुरोध किया कि सभी कर्मचारी व अधिकारी जनहित को सर्वोपरि रखकर कार्य करें। डा. मनोज उप्रेती ने कहा कि डा डिमरी का कार्यकाल बेहतरीन रहा। उनके अनुभवों का लाभ वह सलाह के तौर पर लेते रहेंगे। इस दौरान अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. संजीव दत्त, डा. उत्तम सिंह चौहान, डा. दिनेश चौहान, डा. कैलाश गुंज्याल, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. सुधीर पांडेय मौजूद रहे।

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