पर्वतीय जिलों में भारी बारिश से नदियाें का जलस्तर बढ़ा, बस्तियों को खतरा, हाईवे ठप

कुमाऊं में मानसून सक्रिय है। पर्वतीय जिलों में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है तो हाईवे पर पहाड़ से मलबा आने के कारण यातायात प्रभावित है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ में हो रही भारी बारिश से काली और गोरी नदियों का जलस्तर बढ़ा। धारचूला की काली नदी चेतावनी लेबल से ऊपर बाह रही है। यहां पर चेतावनी लेबल 889 मीटर है। नदी का जलस्तर 889.60 मीटर है। खतरे का निशान 890 मीटर है। गोरी नदी भदेली में जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग तक पहुंच चुकी है। लुमती में सड़क पर बह रही है। जौलजीबी में गोरी नदी का जलस्तर 605.40 मीटर है। यहां पर खतरे का निशान 606.80 मीटर है। नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जौलजीबी में काली और गोरी नदी के संगम होता है। इससे आगे की बस्तियों को सावधान कर दिया गया है। वहीं अल्मोड़ा जिले में भी लगातार बारिश होने के कारण कोसी, गगास व पश्चिमी रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। यही हाल बागेश्वर का भी है। बागेश्वर में रात से हो रही बारिश। पांस सड़कें आवागमन के लिए बंद हो गई हैं, जबकि नेशनल हाइवे कौसानी पेड़ गिरने के कारण बंद है। नदियों का भी जलस्तर बढ़ने लगा।
चम्पावत जिले में आवासीय मकान ढहे, हाइवे बंद
चम्पावत जिले में गुरुवार की रात से अनवरत बारिश जारी है। चम्पावत-टनकपुर और लोहाघाट-पिथौरागढ़ राजमार्ग पर कई जगह मलबा आने से सड़क बंद है। संबंधित एजेंसियां मलबा हटाने में जुटी हैं। जिले की दो दर्जन ग्रामीण सड़कें भी बंद हैं। जिले के मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा में भी बारिश से जलभराव हुआ है। एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने बारिश में ही जल भराव से प्रभावित क्षेत्रों में जाकर स्थिति का जायजा लिया। एनएच के ईई एलडी मथेला टनकपुर-पिथौरागढ़ राजमार्ग पर जिले की सीमा घाट तक नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि भारतोली व घाट के अलावा चम्पावत-टनकपुर हाईवे पर स्वाला, बेलखेत, धौन आदि स्थानों पर काफी अधिक मलबा गिरने से सड़क को जल्दी खोलने में दिक्कत आ रही है। इधर बारिश से कई जगह आवासीय मकानों की दीवारें गिरने की भी खबरें हैं। बाराकोट विकास खंड के तड़ीगांव में शुक्रवार सुबह कुंदन राम के मकान की दीवार गिर क्षतिग्रस्त हो गई। घटना में परिवार के लोग बाल-बाल बच गए।जिले की सभी छोटी-छोटी नदियां और बरसाती नाले उफान पर हैं।