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कम हो रही राजस्व वसूली:नगर निगम के 150 कर्मियों को नहीं मिला वेतन

कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण निगम की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। निगम मद में पैसा नहीं होने के कारण समय पर बिजली बिलों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसलिए राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के वेतन के लिए दी जाने वाली चुंगी क्षति पूर्ति की राशि में कटौती की जा रही है।

हर महीने वेतन के लिए 2 करोड़ 20 लाख रुपए मिलते हैं। इसमें से करीब 71 लाख रुपए की कटौती छह माह से हो रही है। इस कारण समय पर कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। जून में 18 तारीख तक करीब 150-अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल सका है।

अब बकाया राजस्व वसूली और अन्य शुल्कों से आमदनी होने के बाद ही संबंधित कर्मचारियों को वेतन मिल सकेगा। क्योंकि इस बार चुंगी की राशि 1 करोड़ 39 लाख रुपए ही निगम को मिली है। वहीं निगम 1 करोड़ 51 लाख रुपए वेतन बांट चुका है।

निगम में 1258 कर्मचारी अलग-अलग विभागों में कार्यरत हैं। जिन कर्मचारियों को वेतन दिया गया उनमें सफाई कर्मचारियों के साथ ही अस्थायी कर्मचारियों को वेतन दिया जा सका। शेष कर्मचारियों को वेतन देने के लिए निगम को करीब 51 लाख रुपए की व्यवस्था करनी होगी। यह राशि बकाया राजस्व और अन्य शुल्कों से आय होने पर ही मिलेगी। ऐसा नहीं होने पर संभवत: लंबे समय तक कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल सकेगा।

एक करोड़ रुपए महीना आता है बिजली बिल
निगम को हर महीने सुक्ता फिल्टर प्लांट, नर्मदा योजना, 280 ट्यूबवेल के साथ ही कार्यालयों के बिजली बिलों का भुगतान करना पड़ता है। इसकी राशि करीब एक करोड़ रुपए हो जाती है। निगम द्वारा समय पर बिल जमा नहीं करने पर चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से सरकार हर महीने कटौती कर रही है। बावजूद इसके लगभग पांच करोड़ रुपए निगम को बकाया बिजली बिलों का भुगतान करना है।

बोले जिम्मेदार
करीब 1 साल से बकाया
निगम पर करीब एक साल से बकाया है। लगभग पांच करोड़ रुपए कंपनी को लेना है। हर महीने लगभग 50 लाख रुपए ही जमा हो रहे हैं।

नितिन चौहान, कार्यपालन यंत्री, बिजली कंपनी

अगले महीने से सुधारेंगे व्यवस्था
कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल सके, इसके लिए प्रयास करेंगे। क्या समस्या है, पता कर अगले महीने से व्यवस्था सुधारेंगे।

-सविता प्रधान, आयुक्त, नगर निगम

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