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रतकूड़िया में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आ सकती:क्योंकि यहां 100 प्रतिशत ग्रामीण टीके लगवा चुके, दूसरी लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित हुई थी यह पंचायत

पूरा देश कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आशंकित है। सरकार भी इसे रोकने व उपचार को लेकर अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने में जुटी है। वहीं, भोपालगढ़ ब्लॉक के रतकुड़िया गांव के लोग निश्चिंत है कि उन्हें तीसरी लहर का खतरा न के बराबर होगा। क्योंकि यहां के 18 वर्ष से ऊपर के सभी ग्रामीण कोरोना के टीके लगा चुके हैं। यह ग्राम पंचायत जोधपुर जिले की शत-प्रतिशत टीकाकरण वाली पहली ग्राम पंचायत बन गई है।

जहां पर 18 प्लस व 45 प्लस के सभी ग्रामीणों को टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है। गांव को शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन करने में चिकित्सा विभाग के साथ जनप्रतिनिधियों, सरपंच, बीएलओ द्वारा एक मिशन के रूप में काम किया गया। जिसके चलते कम समय में रिकॉर्ड तोड़ वैक्सीनेशन करवा दिया गया। सरपंच वीरेंद्र डूडी ने बताया कि कर्मचारियों के साथ घर-घर जाकर भी लोगों के टीके लगाए गए। वहीं, 18 प्लस के लिए तीन शिविर लगाए गए थे। जिसमें चिकित्सा कर्मियों ने रात 9 बजे तक वैक्सीनेशन किया।

दूसरी लहर ने झकझोरा, सरपंच खुद संक्रमित हुए

राज्य सभा के पूर्व सदस्य रामनारायण डूडी इसी गांव के हैं। दूसरी लहर ने रतकुड़िया में काफी कोहराम मचाया। सरपंच सहित 121 लोग संक्रमित हो गए। पूरे ग्राम को कन्टेन्टमेंट ज़ोन घोषित करना पड़ा। इस दौरान 19 ग्रामीणों की मौत हो गई। हालांकि इनमें कोरोना से 5 की ही मौत बताई थी। तब चिकित्सा विभाग ने रतकुड़िया ग्राम को सम्पूर्ण वेक्सीनेशन का लक्ष्य रखा। बीसीएमओ डॉ दिलीप चौधरी के साथ सरपंच वीरेंद्र डूडी ने मिलकर ग्रामीणों को जागरूक किया। जिसके चलते योग दिवस पहले ग्राम में शत प्रतिशत टीकाकरण संभव हो पाया।

घर-घर टीकाकरण, गाड़ियां भेज लोगों को बुलाया
रतकूड़िया ग्राम की 60% आबादी ढाणियों में निवास करती है। सरपंच वीरेंद्र डूडी ने बताया कि दूसरी लहर के कहर के देखते हुए चिकित्सा विभाग के साथ घर-घर व ढाणी ढाणी जाकर वैक्सीनेशन किया। दूरदराज में रहने वालों को खुद की गाड़ी से केंद्र पर लाए। टीके के बाद वापस छोड़कर आए। जिन ग्रामीणों को टीके को लेकर कोई भ्रम था उनसे समझाइश की। 18 प्लस के लिए तीन दिन शिविर लगवाया। जिसमें सभी युवाओं के टीके लगवा दिए। गांव में टीकाकरण शुरू होने के पश्चात दो सप्ताह में एक भी नया संक्रमित नहीं मिला।

मजदूरों को साइट पर जाकर लगाए टीके
कर्मचारियों ने भी गजब के जुनून से काम किया। जो ग्रामीण सुबह कमठा या खेतों में मजदूरी करने निकल जाते थे, उनको साइट या खेतों में जाकर टीके लगाए। पीएचसी प्रभारी डॉ प्रियंका चौधरी, जीएनएम गणपतसिंह खोजा, दिव्यांग नर्सिंग कर्मी पारसमल खोजा, एएनएम सरोज डूडी, संतोष मेघवाल व ज्ञान भारती सहित स्टाफ ने इस मिशन को सफल बनाया।

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