ईरान vs इजरायल:ईरानी राष्ट्रपति और इजरायली पीएम अब तक के सबसे कट्टर राष्ट्राध्यक्ष
दुनिया के दो दुश्मन देशों ईरान और इजरायल की सत्ताएं बीते 10 दिन में बदल चुकी हैं। इजरायल के नए पीएम नफ्ताली बेनेट अति राष्ट्रवादी माने जाते हैं। वहीं, ईरान में शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव जीते इब्राहिम रईसी देश के कट्टरपंथी नेताओं में शुमार हैं। वे अगस्त में राष्ट्रपति पद संभालेंगे। उनकी शपथ से पहले बेनेट ने रईसी पर पहला वार कर दिया है।
बतौर पैगंबर के वंशज रईसी हमेशा काली पगड़ी बांधते हैं
रईसी ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनी के कट्टर समर्थक हैं। वे हमेशा काली पगड़ी बांधते हैं, जो दिखाता है कि वो सैय्यद हैं और पैगंबर मोहम्मद के वंशज हैं। इस चुनाव से पहले तक रईसी ने कोई चुनाव नहीं जीता था। उन्हें खामेनी का वारिस माना जा रहा है।
रईसी की प्रमुख चुनौतियां
- रईसी के लिए एटमी डील चुनौती है। वैसे अमेरिका में सत्ता बदलने के बाद इसे पटरी पर लाने की कोशिश हो रही है। वे कह चुके हैं- परमाणु करार को खामेनी ने मंजूरी दी थी, इसलिए वो इसके पक्ष में हैं।
- इस डील से आर्थिक हालत सुधारने के लिए पाबंदियों से छूट पाना चुनौती रहेगी।
- 1988 में उन्होंने 5000 सिया कैदियों की फांसी को मंजूरी दी थी। उन पर अमेरिकी पाबंदी है। इससे निकलना चाहेंगे।
नफ्ताली यहूदी पहचान के रूप में किप्पाह पहनते हैं
नफ्ताली इजरायल की यहूदी राष्ट्र के तौर पर पहचान चाहते हैं। अपने सिर पर किप्पाह पहनते हैं, जो यहूदियों की पहचान है। दुनिया की महाशक्तियों को उन्होंने आगाह किया कि परमाणु डील पर ईरान से बात न करें। उन्होंने रईसी की भावी सरकार को जल्लाद का शासन बताया है।
नफ्ताली के निशाने पर हमास
- वेस्ट बैंक में वे यहूदियों की बस्तियां तेजी से बसाना चाहते हैं। इस मुद्दे पर नेतन्याहू की नीति पर भरोसा नहीं करते।
- वे फिलिस्तीनियों की मुल्क के तौर पर मांग खारिज करते हैं। जबकि अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय दो-राष्ट्र सिद्धांत में समस्या का हल देखता है।
- हमास विरोधी हैं। 2018 में युद्धविराम संधि का विरोध किया। नफ्ताली ने पीएम बनने के 4 दिन में हमास पर हमले कराए।
दोनों देशों का हाल
ईरान
- जीडीपी: 33 लाख करोड़ रु.
- आबादी: 8.29 करोड़
- प्रति व्यक्ति आय: 9.5 लाख रु.
इजरायल
- जीडीपी: 29 लाख करोड़ रु.
- आबादी: 91 लाख
- प्रति व्यक्ति आय: 30 लाख रु.