पहली बार गैर सरकारी व्यक्ति को जिम्मेदारी:विश्व व्यापार संगठन में निदेशक बने इंदौर के आशीष चांदोरकर; पब्लिक पॉलिसी के हैं एक्सपर्ट

भारत सरकार ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अपने परमानेंट मिशन में आशीष चांदोरकर को निदेशक स्तर के पद पर नियुक्त किया है। मूलत: इंदौर के रहने वाले आशीष इन दिनों पुणे में रहते हैं। ऐसा पहली बार हुआ है, जब सरकार ने किसी निजी क्षेत्र के गैर सरकारी व्यक्ति को ये जिम्मेदारी दी है।
आशीष अगले तीन साल तक स्विट्जरलैंड के जिनेवा स्थित डब्ल्यूटीओ के मुख्यालय में रहेंगे। वे यहां 150 से भी ज्यादा देशों के साथ होने वाले व्यापार के लिए नीति तय करने में मुख्य भूमिका निभाएंगे। नीतियों का शोध भी उनके काम का प्रमुख हिस्सा होगा। डब्ल्यूटीओ की दो साल में एक बार होने वाली मंत्रियों की बैठक (एमसी) के पहले हुई नियुक्ति को और भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक डब्ल्यूटीओ में भारत का पक्ष रखने के लिए एम्बेसडर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। यहां कृषि, गैर कृषि, सेवाओं, उत्पादों सहित कई प्रकार के व्यापार के लिए नीतियां बनाई जाती हैं। आशीष को नॉन एग्रीकल्चर ट्रेड के लिए पॉलिसी और रिसर्च की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें अगस्त में अपनी जिम्मेदारी संभालनी है।
आशीष ने इंदौर के सेंट पॉल स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद 1998 में जीएसआईटीएस से इलेक्ट्रॉनिक एंड टेलिकम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग पूरी की। आईआईएम कलकत्ता से एमबीए करने के लिए इंदौर छोड़ा था।
पब्लिक पॉलिसी एक्सपर्ट हैं आशीष
एमबीए करने के बाद आशीष ने अलग-अलग देशों में रहकर कई बड़ी कंपनियों के लिए काम किया। उनका अधिकांश समय कैप जैमिनी कंपनी में गुजरा है। वे समाही फाउंडेशन ऑफ पॉलिसी एंड रिसर्च नामक थिंक टैंक के डायरेक्टर भी हैं।