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अजमेर में मानसून का प्रवेश:41 साल में 23 बार भी अजमेर में औसत बारिश नहीं

अजमेर शहर में गुजरे 41 सालों में 23 मानसून तो बिना औसत आंकड़े को छुए बगैर ही गुजरा है। जबकि 18 दफा औसत मानसून या इससे अधिक बारिश हुई है। 7 साल ऐसे भी रहे हैं, जिनमें 700 एमएम से भी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। यह अति बारिश वाले साल रहे।

सिंचाई विभाग की ओर से मानसून का सीजन 1 जून से 30 सितंबर तक माना जाता है। केंद्रीय बस स्टेंड के सामने स्थित दफ्तर में महकमे का रेनगेज लगा हुआ है, जो कि अजमेर सिटी के बीचों बीच है। इसी रेनगेज का 40 सालों के रिकॉर्ड के अनुसार 23 बार तो औसत बारिश ही शहर में नहीं हो पाई। मालूम हो कि वर्ष 2019 में हुई बंपर बारिश के कारण सिंचाई विभाग को अपना कंट्रोल रूम की समयावधि 30 सितंबर से 15 अक्टूबर तक बढ़ानी पड़ी थी।

 

इन सालों में औसत बारिश नहीं
इन सालों में औसत बारिश नहीं

इन 7 सालों में 700 एमएम से ज्यादा बारिश अजमेर शहर के बारिश के रिकॉर्ड में 7 साल ऐसे भी रहे हैं, जिनमें औसत बारिश 530 एमएम के मुकाबले 700 एमएम से ज्यादा बारिश हुई है। इनमें 1983 में 1053, 1990 में 840, 1995 में 740, 1996 में 769, 1997 में 993, 2008 में 705 तथा 2019 में 948 एमएम बारिश दर्ज की गई। मानसून के साल शहर के लिए उम्मीद से कहीं बेहतर रहे थे।

इस बार भी औसत बारिश से ज्यादा होने की संभावना अजमेर में इस बार मानसून का प्रवेश करीब 5 दिन पहले माना जा रहा है, मौसम विभाग ने अजमेर में 25 जून के बाद मानसून के सक्रिय होने की संभावना जताई थी, मगर 20 जून को ही मानसून की पहली बारिश हुई, इस दिन करीब पौने 2 इंच बारिश दर्ज की गई।
कभी धूप खिली तो कभी छाए बादल | सोमवार को पूरे दिन कभी धूप खिली तो कभी बादल छाए रहे। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को अधिकतम पारा 34.6 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम पारा 20.0 डिग्री सेल्सियस रहा।

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