इंदौर में मानसून की मेहरबानी का इंतजार:कहीं तेज तो कहीं रिमझिम बारिश हुई, जून में औसत बारिश का आंकड़ा 6 इंच, इस बार अभी तक करीब दो इंच ही बारिश रिकाॅर्ड
बुधवार सुबह से छाए काले-घने बादलाें ने दाेपहर हाेते-हाेते बरसना शुरू कर दिया। कुछ इलाकाें में तेज ताे कुछ इलाकाें में रिमझिम बारिश हुई। मंगलवार को भी शाम के समय कुछ इलाकों में रिमझिम बारिश हुई थी। दरअसल, अरब सागर की ओर से नमी मिलने की वजह से बादलों की गतिविधि फिर शुरू हो गई हैं। अगले दो दिन में तेज बारिश के आसार हैं। इस बार मानसून घोषित होने के बाद भी बारिश रफ्तार नहीं पकड़ रही है। 10 से 15 मिनट की बारिश होकर थम जाती है। इस सीजन में अब तक एक भी मजबूत सिस्टम नहीं आया है। जून के बचे हुए दिनों में भी छिटपुट बारिश के ही आसार हैं।
1 जून से बारिश का खाता खुल गया है, लेकिन इंदौर केे खाते में अब तक नाम मात्र की ही बारिश आई है। प्री-मानसून और मानसून की अवधि में अब तक एक भी लंबी अवधि यानी एक से दो घंटे की लगातार बारिश पूरे शहर में नहीं हुई है। जून में पानी गिरने के औसत छह दिन माने जाते हैं। इस बार 15 दिन पानी गिरा, लेकिन यह छिटपुट ही रहा। पश्चिम में करीब दो तो पूर्व में सवा चार इंच पानी गिरा है। पिछले साल 14 जून को मानसून घोषित होते ही बारिश की धुआंधार शुरुआत हुई थी।
यह सिस्टम बारिश का कोटा शायद ही पूरा कर पाए
पिछले साल इंदौर में बारिश औसत से अधिक थी। जून में 8 इंच पानी बरस गया था। इस बार बारिश करीब 2 इंच ही रिकॉर्ड हुई है। हालांकि पूर्वी इंदौर में यह आंकड़ा 4.15 इंच है। जून में औसत छह इंच बारिश मानी जाती है। महीना खत्म होने में 7 दिन बचे हैं। एेसे में इस बार औसत के आंकड़े तक पहुंचने के आसार भी नहीं दिख रहे। पूरे शहर में एक जैसी होने वाली बारिश की संभावना कम है। बुधवार को जरूर एक सिस्टम इंदौर सहित आसपास सक्रिय हुआ है, लेकिन इससे इतना पानी मिले कि औसत बारिश का कोटा पूरा हो जाए, यह आसार कम ही हैं।
इसलिए कम पानी बरसा
मानसून तो शहर में भी समय से सात दिन पहले यानी 13 जून को ही आना था, लेकिन खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी, बैतूल से मानसून आगे बढ़ने के बजाए उत्तप्रदेश, हरियाणा तरफ चला गया। यह सिस्टम आगे बढ़ता तो मानसून की अच्छी एंट्री होती।