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जम्मू-कश्मीर पर पीएम मोदी की सर्वदलीय बैठक आज, दिल्ली से लेकर श्रीनगर और इस्लामाबाद तक हलचल

दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के लिए गुरुवार का दिन बहुत अहम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश को लेकर आगे के अहम फैसले लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के नेताओं की अहम बैठक दिल्ली में बुलाई है। इससे पहले नई दिल्ली से लेकर जम्मू, श्रीनगर और इस्लामाबाद तक हलचल बढ़ गई है। जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेताओं ने प्रधानमंत्री की बैठक से पहले दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा से मुलाकात की। वहीं कांग्रेस नेता गुलामनबी आजाद के निवास पर कांग्रेस व प्रदेश के अन्य नेताओं की मीटिंग हुई। पाकिस्तान में भी हलचल बढ़ गई है। खबर है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को खुफिया एजेंसी आईएसआई के हेड क्वार्टर का दौरा किया। उनके साथ सेना प्रमुख बाजवा और अन्य बड़े अधिकारी थे। कहा जा रहा है कि यहां एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई।

बहरहाल, नई दिल्ली में होने वाली इस सर्वदलीय बैठक का एजेंडा सार्वजनिक न किए जाने से स्पष्ट हो गया है कि वार्ता का दायरा सीमित नहीं होगा। सभी अपने दिल की बात खुलकर कह सकेंगे ताकि जम्मू-कश्मीर में शांति, स्थिरता, सुरक्षा और विकास के स्थायी वातावरण की बहाली का रोडमैप बन सके और राजनीतिक प्रक्रिया को गति दी जा सके। बैठक तीन बजे से शुरू होगी, जिसके लिए बुलाए गए लगभग सभी नेता बुधवार को अपने एजेंडे के साथ दिल्ली पहुंच गए। इनमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला गुरुवार को दिल्ली पहुंचेंगे। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहेंगे।

बैठक के लिए जम्मू कश्मीर के 14 नेताओं को बुलाया गया है। इनमें चार पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा चार पूर्व उपमुख्यमंत्री ताराचंद, मुजफ्फर हुसैन बेग, डा. निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता भी शामिल हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र रैना को भी बुलाया गया है। अन्य नेताओं में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन सैयद अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीए मीर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (माकपा) नेता मोहम्मद युसुफ तारीगामी और पैंथर्स पार्टी के प्रो. भीम सिंह को आमंत्रित किया गया है।

अलगाववादियों व पाक को स्पष्ट संदेशः उल्लेखनीय है पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। इससे केंद्र सरकार ने अलगाववादियों और उनके आका पाकिस्तान को संदेश दिया है कि कश्मीर पूरी तरह से भारत का आंतरिक मुददा है और इस पर वह सिर्फ और सिर्फ जम्मू-कश्मीर के उन दलों से बात करेगी जो भारतीय संविधान में आस्था रखते हुए जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। बैठक उस पुरानी कश्मीर नीति में भी बदलाव की पुष्टि करती है, जिसमें हालात सामान्य बनाने के लिए मुख्यधारा के दलों की उपेक्षा कर अलगाववादियों व उनसे संबधित संगठनों को विश्वास में लेने, उनसे बातचीत की प्रक्रिया को अपनाया जाता रहा है।

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