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देहरादून-नैनीताल समेत इन पांच जिलों में बारिश के आसार, यलो अलर्ट भी जारी

उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता कुछ सुस्त है। ज्यादातर इलाकों में चटख धूप खिल रही है। हालांकि, मौसम विभाग ने आज यानी शुक्रवार को दून और नैनीताल समेत पांच जिलों में तेज हवा के साथ बौछार की संभावना जताई है। इसके साथ ही कुछ इलाकों में गरज के साथ आकाशीय बिजली चमकने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। उधर, पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के कारण बनी दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। दर्जनों मार्गों पर भूस्खलन के कारण आवाजाही बाधित है।

प्रदेश में कहीं-कहीं बादलों का डेरा है, जबकि, ज्यादातर स्थानों पर धूप खिल रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा में गरज के साथ बौछार और तेज हवा चलने की संभावना है। इसके अलावा अन्य जिलों में मौसम शुष्क रह सकता है। इधर, भारत-चीन सीमा को जोडऩे वाला जोशीमठ मलारी हाईवे रैंणी में 11 दिन बाद वाहनों की आवाजाही के लिए खुल गया है। बीती 14 मई को रैंणी में 40 मीटर सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके बाद रैंणी के ग्रामीणों की भूमि व पंचायत भवन को काटकर नई 150 मीटर सड़क को तैयार किया गया। चमोली में 200 से अधिक पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हैं। चमोली जिले का 80 फीसद के करीब भू-भाग ग्रामीण बाहुल्य है।

गांवों तक आवाजाही के लिए संपर्क मार्ग बारिश के कारण बंद हैं। बीती रात को औली में हुई अतिवृष्टि के कारण एटी नाला व गौर सिंह नाला उफान पर आ गया। परसारी के निकट मलारी हाईवे पर भी भारी मात्रा में मलबा आ गया। बीते दिनों हुई बारिश के चलते जोशीमठ मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग मलारी से आगे भापकुंड के पास बीते एक सप्ताह से क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है।

सीमा सड़क संगठन द्वारा सीमा क्षेत्र की ओर से सड़क पर मलबा हटाकर मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। यहां पर सड़क अवरुद्ध होने के कारण सीमांत गांवों में विभिन्न कार्यों के लिए गए 30 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं। बताया जा रहा है कि बारिश के दौरान सीमांत गांवों की विद्युत लाइन के कई पोल व तार क्षतिग्रस्त हुए हैं। इससे एक सप्ताह से नीती, गमशाली, बाम्पा, फरकिया, द्रोणागिरी, कागा, गरपक समेत दर्जनभर से अधिक गांवों में बिजली गुल है।

 

 

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