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दिग्विजय सिंह का आरोप, जनपद सीइओ से भाजपा नेताओं ने मांगे थे रुपये, इसलिए दे दी जान

भीकनगांव । जनपद पंचायत सीईओ 56 वर्षीय राजेश बाहेती की खुदकुशी के मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर सवाल खड़े किए हैं। दिग्विजय सिंह का कहना है कि जनपद सीइओ ने सुसाइड नोट में मौत का कारण कथित भाजपा नेताओं द्वारा रुपयों की मांग करना और मीटिंग में अपमानित करना बताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले को दबाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि जनपद सीइओ ने रविवार को अपने सरकारी आवास में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी जगदीश गोयल टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच की। सोमवार को एफएसएल टीम के सुनील मकवाने ने निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए। पुलिस को आवास से सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें कुछ नेताओं के नाम हैं। राजेश बाहेती के भांजे मनीष बियानी का कहना है कि यह आत्महत्या नहीं हत्या है। वो लगभग आठ से 10 दिन पूर्व घर आए थे। तब उन्होंने कहा था कि अब मैं जाब नहीं करूंगा। वहां कुछ गरीबों के काम बाकी हैं, वह करके जाब छोड़ दूंगा। उनका बार-बार कहना था कि उन पर राजनितिक दबाव बनाया जा रहा है। स्वजनों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सीइओ बाहेती इंदौर में रेत मंडी के पास के रहने वाले हैं। उनकी बेटी की अभी-अभी शादी हुई है। एक बेटा निजी बैंक में मैनेजर है। बेटे के साथ उनकी पत्नी रहती थी, बाहेती सरकारी आवास में रहते थे। 10 माह में चार सीइओ का हो चुका ट्रांसफर जनपद के जनप्रतिनिधियों के विवादास्पद कार्यशैली के चलते 15 मई 2020 से 15 मार्च 2021 तक लगभग 10 माह में चार सीइओ बदल गए। आरिफ खान को 18 मई 2020 को खरगोन जिला पंचायत में संलग्न किया था। 19 मई 2020 को कविता आर्य ने पदभार संभाला था। इसके बाद 22 जनवरी 2021 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने धार से दीपक राय की पद स्थापना जनपद में की थी। परंतु उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया। राय के आदेश के लगभग 54 दिन बाद कसरावद में पदस्थ बीडीओ राजेश बाहेती को 15 मार्च 2021 को सीईओ बनाया गया। महज 1 माह बाद ही बाहेती का ग्रामीण विकास विभाग भोपाल से ट्रांसफर पेटलावाद (झाबुआ) हो गया। इसी दौरान कोरोना की दूसरी लहर के कारण उन्हें जिले से कार्य मुक्त नहीं किया गया।

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