उत्तराखंड: आज से पर्यटकों के लिए खुलेगा कॉर्बेट पार्क, पुरानी व्यवस्था के अनुसार होगी जंगल सफारी
मई से कोरोना महामारी के चलते बंद कॉर्बेट पार्क मंगलवार से पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है। पर्यटकों की आमद को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। कॉर्बेट पार्क मई में सैलानियों के लिए बंद कर दिया था।
इस दौरान कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने कुछ दिन पूर्व 60 हजार से अधिक सैलानियों का बुकिंग का करीब एक करोड़ रुपये लौटा दिया था। अब कोरोना के मामले कम होने पर कॉर्बेट प्रशासन ने पार्क खोलने का निर्णय लिया है।
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सीटीआर निदेशक राहुल ने बताया कि पर्यटक अब ढेला, झिरना, बिजरानी और गर्जिया जोन में भ्रमण कर सकते हैं। पर्यटक पुरानी व्यवस्था के अनुसार ही जंगल सफारी करेंगे।
लैंटाना को उखाड़कर तैयार किए जा रहे घास के मैदान
राजाजी टाइगर रिजर्व के ज्यादातर क्षेत्रों में उग आई लैंटाना घास टाइगर रिजर्व के वन्यजीवों के साथ ही अधिकारियों की भी मुसीबतें बढ़ा दी हैं। लैटाना घास की अधिकता की वजह से वन्यजीवों के प्राकृतिक रहन-सहन पर असर पड़ रहा है। साथ ही वन्यजीव आबादी क्षेत्र में दाखिल हो रहे हैं।
इसेस मानव वन्यजीव संघर्ष की भी घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन ने अभियान शुरू किया है। राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डीके सिंह ने बताया कि लैंटाना घास के उन्मूलन को लेकर कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कर्मचारियों की मदद से लैंटाना घास को काटने के बाद उन क्षेत्रों की ट्रैक्टर से जुताई की जा रही है। लैंटाना को निकालने के बाद वहां अच्छी प्रजातियों की घास लगाई जाएगी। ताकि लैंटाना से प्रभावित क्षेत्रों को चरागाह के रूप में विकसित किया जा सके।
बता दें, नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के निर्देश पर संचालित किए जा रहे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राजाजी टाइगर रिजर्व और जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में लैंटाना के उन्मूलन को लेकर लगातार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। लैंटाना को उखाड़ने के साथ वहां नए सिरे से अत्याधुनिक प्रजातियों की घास लगाई जाएगी।