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टोल शुरू भी नहीं हुआ और नेशनल हाईवे-12 बन गई थिगड़ों की सड़क

जबलपुर। नेशनल हाईवे-12 की सड़क थिगड़ों से भरी हुई है। हाल ही में बनी सड़क पर टोल नाका शुरू होने से पहले ही 55 किलोमीटर लंबी सड़क पर 200 से ज्यादा दरारे नजर आ रही है। इस सड़क पर तेज रफ्तार खासतौर पर दो पहिया वाहन चलाना बेहद जोखिम भरा है क्योंकि सड़क पर बनी दरारों में वाहनों के पहिए फंस रहे है जिससे वाहन का संतुलन बिगड़ रहा हैं। विभाग जर्जर सड़क को दुरूस्त करवाने का दावा कर रहा है लेकिन सवाल निर्माण की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे है कि ऐसा क्या हुआ कि निर्माण के चंद दिनों में ही इतने बड़ी-बड़ी दरारे निकल गई। रफ्तार बनाते ही डगमगा रहे वाहन: जबलपुर से हिरन नदी के पुल तक जबलपुर-भोपाल फोर लेन सड़क का निर्माण बागड कंपनी ने किया है। जबलपुर से निकलकर भेड़ाघाट के आगे सड़क पर ये दरारे साफ नजर आ जाती है। ठेकेदार द्वारा इन्हें भरने का काम किया जा रहा है लेकिन वाहनों की रफ्तार के आगे ये थिगड़े काम नहीं आ रहे हैंं। डामर और कैमिकल की मदद से दरारों को भरा जा रहा है लेकिन कई जगह क्रांकीट ने इस तरल को छोड़ दिया है जिस वजह से दोबारा दरारे बन गई है। खैरी,बिलखिरवा और सहजपुर,शहपुरा, नटवारा,बेलखेड़ा तक सड़कों पर दरारे बनी हुई है। स्थानीय लोगों की माने तो कई बार इन दरारों की वजह से वाहन का संतुलन बिगड़ जाता है। अभी तक किसी बड़ी दुर्घटना की वजह तो ये दरार नहीं बनी है लेकिन इन्हें जल्द नहीं भरा गया तो बड़े हादसें से इंकार नहीं किया जा सकता है।

टोल के लिए टैंडर जारी

एमपीआरडीसी द्वारा सड़क निर्माण की निगरानी की जा रही है। बताया जाता है कि टोल नाके के लिए नेशनल हाइवे अथारिटी के द्वारा टेंडर जारी किया गया है। इसमें जो कंपनी आएगी उनके द्वारा टोल वसूला जाएगा। विभाग की माने तो सड़क में रिपेयरिंग का काम किया जा रहा है। इसके अलावा कई अन्य कार्य अभी शेष है जिसके बाद ही टोल शुरू होगा। विभागीय अफसरों की माने तो ठेका कंपनी अगले चार साल तक सड़क की मरम्मत का कार्य करेंगी। भारतीय सड़क के मानकों के अनुरूप ही कार्य होगा।

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