उत्तराखंड में बड़े बदलाव को लेकर पसोपेश में कांग्रेस नेतृत्व, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून। प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष का रिक्त पद भरने की मुहिम को प्रदेश अध्यक्ष बदलने से जोड़ने की कोशिशों ने पार्टी हाईकमान की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं। चुनाव से महज चंद महीनों पहले इस उलटफेर से पार्टी की तैयारी पर पड़ रहे असर को भांपकर पार्टी ने इस मामले में वेट एंड वाच की मुद्रा में आ गई। पार्टी को मजबूती देने की रणनीति के तहत बदलाव की नई पटकथा लिखने की तैयारी है। बुधवार को इस मामले में पार्टी में केंद्रीय नेताओं के बीच विभिन्न स्तरों पर मंथन हुआ। अब गुरुवार को इस मामले में फैसला होने की संभावना जताई जा रही है।
प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष के पद पर किसकी ताजपोशी होगी और बदलाव की सूरत में अध्यक्ष पद कौन संभालेगा, इसे लेकर गुरुवार को स्थिति साफ हो सकती है। कांग्रेस नेतृत्व इस मामले में तमाम पहलुओं को ध्यान में रखकर मंथन में जुटा है। माना जा रहा है कि पंजाब को लेकर भी कांग्रेस में सियासी गतिविधि तेज होने के चलते उत्तराखंड के मामले में फैसला लेने में देरी हो रही है। पार्टी नेतृत्व का ध्यान इस वक्त पंजाब में पनपे सियासी संकट को सुलझाने पर अधिक है।
पार्टी हाईकमान पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह खेमों के विधायकों को वापस जाने का फरमान सुना चुका है। इसके बाद बुधवार को विधायकों के स्तर पर हो रही गोलबंदी दिल्ली में दिखाई नहीं दी। हालांकि दोनों ही खेमों के खास समर्थक विधायकों ने अभी दिल्ली में मौजूदगी बनाए रखी है। प्रदेश अध्यक्ष को बदलने की मुहिम अब ढीली नहीं पड़ी है, जबकि प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी बदलाव में उनकी सहमति लिए जाने पर जोर दे चुके हैं।
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को बनाने की सूरत में कुमाऊं मंडल से प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इस पद की दौड़ में पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी, पूर्व विधायकों मनोज तिवारी व हेमेश खर्कवाल और प्रदेश युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भुवन कापड़ी को बताया जा रहा है। पार्टी के भीतर एक गुट का अब भी मानना है कि पार्टी नेतृत्व की ओर से सिर्फ नेता प्रतिपक्ष पद पर चयन को हरी झंडी दिखाई जा सकती है। वहीं प्रदेश चुनाव संचालन समिति की कमान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को मिलना भी तकरीबन तय है।
विधायकों की गतिविधियां रहीं सुस्त
पार्टी हाईकमान के फरमान के बाद दिल्ली में उत्तराखंड सदन में मौजूद विधायकों ने अपनी गतिविधियों को बेहद सीमित रखा। दस में से कुछ विधायक लौट चुके हैं, जबकि कुछ दिल्ली में मौजूद हैं। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने भी बुधवार को खुद को पार्टी के कार्यों में व्यस्त रखा। यादव बीते रोज संशोधित फार्मूला पार्टी हाईकमान को सुझाने की बात कह चुके हैं। उधर, उत्तराखंड सदन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह से बुधवार को प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप और प्रदेश सोशल मीडिया कमेटी की अध्यक्ष शिल्पी अरोड़ा ने भी मुलाकात की।