राजस्थान में अब अस्थायी भर्तियां नहीं:डोटासरा बोले- सरकार जिसे भी नौकरी देगी, उसे रिटायरमेंट से पहले नहीं निकालेगी; कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती की समीक्षा होगी
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा- राजस्थान सरकार अब जो भी नौकरी देगी उसमें रिटायरमेंट की तारीख से पहले किसी को भी नहीं निकाला जाएगा। 10 हजार से ज्यादा कंप्यूटर अनुदेशकों की संविदा भर्ती की समीक्षा के लिए उन्होंने कमेटी बनाने की घोषणा की है। प्रदेश के बेरोजगार कंप्यूटर शिक्षक स्थायी भर्ती की मांग को लेकर पिछले आठ दिन से दिल्ली में AICC दफ्तर के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैंं।
कंप्यूटर शिक्षकों के आंदोलन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में डोटारसरा ने कहा- हमने कंप्यूटर अनुदेशक लेने की बात कही है। कंप्यूटर व्याख्यता स्थायी ही लेंगे। फिर भी हमने अफसरों से कहा है कि अनुदेशकों की संविदा भर्ती पर पुनर्विचार करें, इसके लिए एक कमेटी बनाकर चर्चा की जाएगी कि क्या स्थायी हल निकल सकता है। इतना मैं कह सकता हूं कि राजस्थान की सरकार किसी भी व्यक्ति को अब कोई नौकरी देगी उसको कभी भी समय से पहले, उसकी जो भी मेच्योरिटी डेट जो सेवानिवृति की तिथि होती है उससे पहले नहीं निकालेगी। फिर भरी हम जनता के लोग हैं, जनता के चुने हुए लोग हैं। शिक्षित बेरोजगारों को कैसे ज्यादा से ज्यादा नौकरियां मिलें, कैसे इनकी समस्याओं का स्थायी हल निकले इसके लिए हमारी सरकार पारदर्शिता से काम कर रही हैं इस मुद्दे पर यथासंभव इन बेरोजगार छात्रों के लिए करेंगे।
यूपी में प्रियंका गांधी ने बताया था संविदा भर्ती को बेरोजगारों से अन्याय जबकि राजस्थान में हो रही संविदा भर्तियां
राजस्थान सरकार ने हाल ही सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर की शिक्षा देने के लिए 10 हजार से ज्यादा कंप्यूटर अनुदेशक संविदा आधार पर भर्ती करने की घोषणा की थी। यूपी में इसी तर्ज पवर संविदा भर्तियों को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बेरोजगारों के साथ भारी अन्याय बताया था। बेरोजगार कंप्यूटर शिक्षक प्रियंका गांधी के इसी बयान को आधार बनाकर दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय और यूपी के जिला कांग्रेस दफ्तरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। डोटासरा के ताजा बयान को बेरोजगार कंप्यूटर शिक्षकों के इसी आंदोलन को शांत करने से जोड़कर देखा जा रहा हैे।
डोटासरा के बयान का मतलब, अस्थायी आधार पर संविदा भर्तियां नहीं होंगी
गोविंद सिंह डोटासरा के बयान से अब यह मतलब निकाला जा रहा है कि सरकार में अब अस्थायी आधार पर संविदा भर्तियां नहीं होंगी। केवल स्थायी भर्तियां ही होंगी। हालांकि, डोटासरा ने एक सवाल के जवाब में एक सियासी बयान दिया है, इस घोषणा को जमीन पर उतारने के लिए कैबिनेट की मंजूरी और बजट का प्रावधान जरूरी है।