रेलवे:राज्यरानी एक्सप्रेस नहीं चलने से एक करोड़ का कारोबार हर महीने हो रहा प्रभावित
दमोह से बाया सागर स्टेशन होकर भोपाल तक चलने वाली राज्यरानी एक्सप्रेस ट्रेन के परिचालन को लेकर रेलवे प्रशासन कोई निर्णय नहीं ले पाया है। जबकि आर्थिक तौर पर शहरों को मजबूत करने वाली इस ट्रेन का परिचालन नहीं होने से न केवल रेलवे की राजस्व को नुकसान हो रहा है, बल्कि हर महीने इसी ट्रेन से होने वाला 1 करोड़ रुपए का व्यापार भी प्रभावित है। दरअसल, सागर में कई बड़ी कंपनियों के शो-रूम हैं, जिनकी मार्केटिंग टीम रोजाना खुरई, बीना, गंजबसौदा, मंडीबामोरा तक अपने प्रोडक्ट को लेकर जाते थे। इसके साथ ही सराफा कारोबार से जुड़े व्यापारी भी अपने माल लेकर भी इन्हीं इलाकों में बिक्री के लिए ले जाते थे, जो पिछले डेढ़ साल से बंद है।
सराफा कारोबारी अभी सड़क मार्ग से मंडी करने के लिए जा रहे हैं लेकिन वे ट्रेन के सफर को ही सुरक्षित मानते हैं। राज्यरानी में सागर स्टेशन से रोजाना सफर करने वाले यात्रियों से ही रेलवे को 17 से 18 हजार का रेवेन्यू आता था। जबकि एक ट्रिप में यह ट्रेन दमोह से भोपाल तक करीब 50 हजार रुपए का रेवेन्यू जुटा लेती थी। हाल में जो ट्रेनें भोपाल के लिए चल रही है, उनमें रिजर्वेशन के होने से गिनती के ही यात्री सफर कर पा रहे हैं।
ट्रेन का किया जा रहा सर्वे इस महीने चल सकती है
ट्रेन के परिचालन को लेकर रेलवे अधिकारियों से चर्चा हुई है। उनका कहना है कि सर्वे किया जा रहा है। इस महीने में ट्रेन पर निर्णय लिए जाने की संभावना है। – राजबहादुर सिंह, सांसद, सागर
राज्यरानी में लगता है कम किराया, यह ट्रेन सुरक्षित
राज्यरानी से रोजाना कई सराफा व्यापारी अपने माल को बेचने के लिए खुरई, बीना, मंडी बमोरा और गंजबासौदा तक जाते थे। किराए भी कम लगता है। सफर सुरक्षित भी है। – विक्रम सोनी, सराफा एसो. अध्यक्ष
मार्केटिंग फील्ड के लिए ट्रेन सुविधाजनक
मार्केटिंग फील्ड से जुड़े लोग के लिए ट्रेन सुविधाजनक है। लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हर महीने इस ट्रेन से 1 करोड का कारोबार प्रभावित हो रहा है। – सुरेंद्र मालथौन, जिला अध्यक्ष, कैट
ट्रेन से हर वर्ग के लिए सुविधाजनक
ट्रेन के शुरू होने से व्यापारी, अप डाउनर्स, विद्यार्थी, मरीज, मार्केटिंग फील्ड जैसे कई लोगों को इसका लाभ मिलेगा। रेलवे को सबसे पहले इसी ट्रेन का सर्वे कर शुरू करना चाहिए। – नीकेश गुप्ता, वैश्य महासम्मेलन, जिलाध्यक्ष